डोनाल्ड ट्रंप का विवादास्पद निर्णय: पेंटागन का नाम बदलकर 'युद्ध विभाग' करने की योजना
ट्रंप का ऐलान
वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है कि वह पेंटागन का नाम 'रक्षा विभाग' से बदलकर 'युद्ध विभाग' करने का इरादा रखते हैं। ट्रंप का कहना है कि अमेरिका को केवल रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है, और यह नाम इस सोच को दर्शाता है।
ओवल ऑफिस में दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली जे म्युंग के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा, 'जब हमने प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध जीते थे, तब इसे युद्ध विभाग कहा जाता था, और मेरे लिए, यह वास्तव में यही है।' उन्होंने यह भी कहा कि 'हर कोई इसे पसंद करता है... जब यह युद्ध विभाग था, तब हमारे पास जीत का एक अद्भुत इतिहास था, फिर हमने इसे रक्षा विभाग में बदल दिया।'
ट्रंप ने स्पष्ट किया कि वह इस निर्णय को जल्द ही लागू करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बदलाव की घोषणा अगले कुछ हफ्तों में की जा सकती है और इसके लिए कांग्रेस की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी।
इस दौरान रक्षा सचिव पीट हेगसेथ भी ट्रंप के साथ थे। ट्रंप ने उनकी ओर इशारा करते हुए कहा, 'पीट, आपने 'रक्षा विभाग' कहकर शुरुआत की और मुझे यह पसंद नहीं आया। क्या हम केवल रक्षा हैं? हम रक्षा क्यों हैं? इसलिए पहले इसे 'युद्ध विभाग' कहा जाता था और यह एक मजबूत नाम था।'
ट्रंप ने उन आलोचकों को भी खारिज कर दिया जो इस बदलाव को केवल प्रतीकात्मक मानते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा, 'यह केवल प्रतीकात्मक नहीं है। हम केवल सुरक्षा नहीं चाहते, हम आक्रमण भी चाहते हैं।'
अमेरिका में 'युद्ध विभाग' की स्थापना 1789 में हुई थी। 1947 तक इसे इसी नाम से जाना जाता था, जब तत्कालीन राष्ट्रपति हैरी एस. ट्रूमैन ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत इसका नाम बदलकर 'रक्षा विभाग' कर दिया था। ट्रंप का यह कदम अमेरिका की सैन्य नीति में एक महत्वपूर्ण वैचारिक बदलाव का संकेत माना जा रहा है।