डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीति पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
अमेरिका की नई वैश्विक टैरिफ पॉलिसी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
वॉशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में वैश्विक टैरिफ नीति में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए कई देशों के खिलाफ नई टैरिफ दरें लागू की हैं। इस निर्णय ने वैश्विक आर्थिक मंदी की स्थिति को जन्म दिया और अमेरिका में भी इसका विरोध शुरू हो गया।
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में इस टैरिफ नीति के खिलाफ याचिका दायर की गई थी, जिसके बाद सुनवाई शुरू हो गई है। यह मामला कई वर्षों में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आने वाले सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक मामलों में से एक माना जा रहा है। अदालत यह तय करेगी कि क्या ट्रंप ने अन्य देशों पर टैरिफ लगाकर अपने कानूनी अधिकारों का सही उपयोग किया।
सुनवाई से पहले ट्रंप का बयान
सुनवाई से पहले, ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह मामला अमेरिका के लिए जीवन और मृत्यु का प्रश्न है। यदि वे जीतते हैं, तो अमेरिका आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा में सुरक्षित रहेगा, अन्यथा अन्य देश उन्हें नुकसान पहुंचाते रहेंगे। ट्रंप ने यह भी दावा किया कि उनके टैरिफ और व्यापार समझौतों के कारण अमेरिका का शेयर बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर है।
ट्रंप के वकीलों से पूछे गए कठिन सवाल
सुनवाई के दौरान, ट्रंप के वकीलों को सुप्रीम कोर्ट के कई जजों द्वारा कड़ी पूछताछ का सामना करना पड़ा। जस्टिस एमी कोनी बैरेट ने सवाल किया कि ट्रंप प्रशासन ने सभी देशों पर पारस्परिक टैरिफ क्यों लगाया, जबकि ऐसा करना आवश्यक नहीं था। इस सुनवाई में अमेरिकी ट्रेजरी अधिकारी स्कॉट बेसेंट भी उपस्थित थे, जिन्होंने कहा कि यह मामला आर्थिक आपातकाल से संबंधित है।
हम किसी भी नतीजे के लिए तैयार
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि सरकार किसी भी नतीजे के लिए तैयार है, लेकिन उन्हें विश्वास है कि कोर्ट ट्रंप के पक्ष में फैसला देगा। उन्होंने कहा कि वे राष्ट्रपति और उनकी टीम के कानूनी तर्कों पर भरोसा करते हैं और सुप्रीम कोर्ट से सही निर्णय की उम्मीद करते हैं।