डोनाल्ड ट्रंप की नोबेल पुरस्कार की चाहत और भारत-पाकिस्तान संबंध
ट्रंप का हठ और शांति प्रयास
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा कि वे नोबेल पुरस्कार के लिए प्रयासरत हैं, जैसे एक बच्चा किसी चीज़ को पाने के लिए जिद करता है। उन्होंने बताया कि अमेरिका वैश्विक स्तर पर शांति समझौतों को बढ़ावा दे रहा है और युद्धों को रोकने में सफल हो रहा है। ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान और थाईलैंड-कंबोडिया के बीच संघर्षों को समाप्त करने का दावा किया, यह कहते हुए कि व्यापार के माध्यम से ही यह संभव हुआ।
उन्होंने कहा, "भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने के लिए मैंने व्यापार को एक साधन बनाया।" ट्रंप ने यह भी उल्लेख किया कि उन्होंने कई अन्य देशों के बीच संघर्षों को समाप्त करने में मदद की है, जिसमें आर्मेनिया-अजरबैजान और इजराइल-ईरान शामिल हैं।
हालांकि, भारत ने पाकिस्तान की मांग पर 'ऑपरेशन सिन्दूर' को स्थगित किया था, जिसे पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री इशाक डार ने स्वीकार किया। भारत का स्पष्ट रुख है कि कश्मीर मुद्दा दोनों देशों के बीच का मामला है और किसी तीसरे देश की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
ट्रंप के बार-बार 'ऑपरेशन सिन्दूर' को रोकने का श्रेय लेने के प्रयासों के बावजूद, भारत ने स्पष्ट किया है कि यह निर्णय दोनों देशों के उच्चाधिकारियों की बैठक में पाकिस्तान की मांग पर लिया गया था।
इस स्थिति के बावजूद, ट्रंप नोबेल पुरस्कार की चाहत में लगे हुए हैं, जैसे एक बच्चा किसी चीज़ की जिद करता है। यह सवाल उठता है कि क्या इस पुरस्कार की मांग का वास्तव में कोई महत्व है।
मुख्य संपादक की टिप्पणी
-इरविन खन्ना, मुख्य संपादक।