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डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीति: यूरोपीय संघ के साथ नया समझौता

डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर लौटने के बाद से विभिन्न देशों पर टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। उन्होंने यूरोपीय संघ के साथ एक महत्वपूर्ण व्यापार समझौते की घोषणा की है, जिससे दोनों पक्षों को आर्थिक लाभ की उम्मीद है। इस समझौते के तहत, यूरोपीय संघ अमेरिका से सैन्य उपकरण और ऊर्जा खरीदने की योजना बना रहा है। ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि इस डील से अमेरिकी बाजार और यूरोपीय बाजार पहले से अधिक खुले रहेंगे। जानें इस समझौते के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।
 

ट्रंप की व्यापार रणनीति

डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर पुनः लौटने के बाद से, वे विभिन्न देशों पर टैरिफ लगाने की चेतावनी देते आ रहे हैं। उनका मानना है कि अमेरिका को लंबे समय से अन्याय का सामना करना पड़ा है, क्योंकि अन्य देश अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ लगाते हैं, जबकि अमेरिका ऐसा नहीं करता। इस संदर्भ में, ट्रंप ने कई देशों को टैरिफ लगाने की धमकी दी है और इसके लिए 1 अगस्त की एक डेडलाइन भी निर्धारित की है। इस समय, जिन देशों के साथ अमेरिका की व्यापार डील नहीं हुई है, उन पर भारी टैरिफ लगाया जा सकता है। भारत भी इस स्थिति का सामना कर सकता है, जहां 26% का टैरिफ लगाया जा सकता है। ट्रंप विभिन्न देशों के साथ व्यापार डील करने में व्यस्त हैं, लेकिन अब तक का सबसे बड़ा समझौता यूरोपीय संघ के साथ हुआ है। इससे पहले, ट्रंप ने यूरोपीय संघ को 50% टैरिफ लगाने की चेतावनी दी थी।


यूरोपीय संघ की प्रतिक्रिया

इस चेतावनी के बाद, यूरोपीय संघ की चिंताएं बढ़ गई थीं। उन्होंने एक सूची तैयार की थी जिसमें यह उल्लेख था कि यदि अमेरिका 1 अगस्त से उन पर टैरिफ लगाता है, तो वे भी अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ लगाएंगे। इस बीच, ट्रंप स्कॉटलैंड की यात्रा पर थे, जहां यूरोपीय कमीशन की अध्यक्ष ने उनसे मुलाकात की और एक समझौते पर सहमति बनी। ट्रंप ने इसे अब तक का सबसे बड़ा व्यापार समझौता बताया है, जिससे दोनों पक्षों को आर्थिक लाभ मिलने की उम्मीद है। ट्रंप ने स्पष्ट किया कि इस समझौते के तहत यूरोपीय देशों के लिए अमेरिकी बाजार और अमेरिका के लिए यूरोपीय बाजार पहले से अधिक खुले रहेंगे। हालांकि, ट्रंप ने यह भी बताया कि यूरोपीय संघ के सभी क्षेत्रों पर 15% का टैरिफ लागू किया जाएगा।


समझौते के लाभ

इस समझौते के तहत, यूरोपीय संघ अमेरिका से अधिक मात्रा में सैन्य उपकरण खरीदेगा। इसके अलावा, ऊर्जा क्षेत्र में भी ईयू अमेरिका से लगभग 150 अरब डॉलर का ऊर्जा खरीदने की योजना बना रहा है, जिससे अमेरिकी ऊर्जा उद्योग को बड़ा लाभ होगा। ट्रंप के अनुसार, इस डील के अंतर्गत यूरोपीय संघ अमेरिका में 600 अरब डॉलर का निवेश करेगा, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नई ताकत मिलने की उम्मीद है। हालांकि, स्टील और एल्युमीनियम पर पहले से लागू शुल्क व्यवस्था बरकरार रहेगी, जिसका मतलब है कि इन क्षेत्रों में कोई छूट नहीं मिलेगी। ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि सेमीकंडक्टर या चिप सेक्टर के लिए अगले दो हफ्तों में नई नीति की घोषणा की जाएगी, जो इस उद्योग के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।