डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा: एक बार फिर हुई चूक
डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा में हाल ही में एक बड़ी चूक हुई है, जब एक सिविलियन विमान ने उनके गॉल्फ कोर्स के ऊपर प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश किया। इस घटना के बाद, NORAD ने तुरंत F‑16 फाइटर जेट को तैनात किया। जानें कि ट्रंप की सुरक्षा के लिए कौन-कौन सी एजेंसियां जिम्मेदार हैं और उनकी सुरक्षा के लिए क्या उपाय किए जाते हैं।
Jul 7, 2025, 01:15 IST
डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा में चूक
डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप हमेशा से सुर्खियों में रहे हैं। राष्ट्रपति बनने के बाद से उनकी सुरक्षा को लेकर कई बार चिंताएं उठ चुकी हैं। हाल ही में, रविवार को, उनकी सुरक्षा में एक बड़ी चूक सामने आई। रिपोर्टों के अनुसार, न्यू जर्सी में ट्रंप के बेडमिंस्टर गॉल्फ कोर्स के ऊपर एक सामान्य सिविलियन विमान ने प्रतिबंधित हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया, जिससे हड़कंप मच गया।
NORAD की तैनाती
राष्ट्रपति की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, NORAD ने तुरंत F‑16 फाइटर जेट को तैनात किया। इस जेट ने हेडबट तकनीक का उपयोग करते हुए उस विमान का ध्यान खींचा और उसे सुरक्षित रूप से क्षेत्र से बाहर निकाला। अमेरिकी राष्ट्रपति हमेशा खतरे में रहते हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा के लिए कई एजेंसियां जिम्मेदार होती हैं।
सीक्रेट सर्विस की भूमिका
राष्ट्रपति की सुरक्षा की जिम्मेदारी
डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा को दुनिया की सबसे मजबूत और हाईटेक सुरक्षा प्रणालियों में से एक माना जाता है। जब कोई व्यक्ति राष्ट्रपति बनता है, तो उसकी सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी होती है। इसीलिए, ट्रंप की सुरक्षा की जिम्मेदारी अमेरिका की अनुभवी एजेंसी यूएस सीक्रेट सर्विस को दी गई है, जो उनकी 24/7 सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
अन्य सुरक्षा एजेंसियां
अन्य एजेंसियों की भूमिका
राष्ट्रपति की सुरक्षा में प्रेसिडेंशियल प्रोटेक्टिव डिविजन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ये एजेंट राष्ट्रपति के करीब रहते हैं और हर परिस्थिति में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। इनके पास अत्याधुनिक हथियार और विशेष प्रशिक्षण होता है। जब स्थिति बिगड़ती है, तो काउंटर असॉल्ट टीम तुरंत कार्रवाई करती है।
हवा से सुरक्षा
हवा से सुरक्षा के उपाय
अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा केवल जमीन पर ही नहीं, बल्कि हवा में भी सुनिश्चित की जाती है। राष्ट्रपति के आस-पास के क्षेत्र को नो-फ्लाई ज़ोन घोषित किया जाता है। यदि कोई विमान गलती से इस क्षेत्र में प्रवेश करता है, तो NORAD तुरंत अलर्ट हो जाता है और उसे रोकने के लिए F‑16 या F‑22 लड़ाकू विमान भेजे जाते हैं।