डोनाल्ड ट्रंप ने एपस्टीन के पत्र पर अपने हस्ताक्षर से किया इनकार
ट्रंप का स्पष्ट इनकार
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यौन अपराधी जेफ्री एपस्टीन को संबोधित एक पत्र पर अपने हस्ताक्षर होने से साफ इनकार किया है। ट्रंप ने मीडिया से कहा, "यह मेरी साइन नहीं है और न ही यह मेरी भाषा है। जो लोग मुझे लंबे समय से जानते हैं, वे समझते हैं कि यह मेरी शैली नहीं है।" उन्होंने इसे "बकवास" करार दिया।
पत्र का खुलासा
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह पत्र 20 साल पुराना बताया जा रहा है और इसे अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के डेमोक्रेट्स ने सोमवार को सार्वजनिक किया। व्हाइट हाउस ने इस पत्र की प्रामाणिकता को खारिज कर दिया है। पत्र में एक महिला की तस्वीर पर लिखे कुछ टेक्स्ट और "अद्भुत रहस्य" का उल्लेख था, जिस पर 'डोनाल्ड जे. ट्रंप' के हस्ताक्षर थे।
वॉल स्ट्रीट जर्नल का खुलासा
वॉल स्ट्रीट जर्नल द्वारा जारी पत्र
इस पत्र को एपस्टीन के 50वें जन्मदिन के लिए संकलित एक किताब का हिस्सा बताया गया है। ट्रंप, जो राष्ट्रपति बनने से पहले एपस्टीन के करीबी दोस्त थे, ने इस पत्र को देने से इनकार किया है।
व्हाइट हाउस का समर्थन
फोरेंसिक जांच का समर्थन
व्हाइट हाउस ने मंगलवार (9 सितंबर) को स्पष्ट किया कि ट्रंप ने यह पत्र नहीं लिखा और न ही साइन किया। राष्ट्रपति की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने बताया, "राष्ट्रपति ने यह पत्र नहीं लिखा। उनके हस्ताक्षर दुनिया में सबसे प्रसिद्ध हैं, और यह वर्षों से ऐसा है।" व्हाइट हाउस ने हस्ताक्षर की फोरेंसिक जांच का समर्थन करने की बात भी कही।
एपस्टीन मामला फिर से चर्चा में
राजनीतिक चुनौती
एपस्टीन से जुड़े दस्तावेजों का खुलासा एक बार फिर ट्रंप के लिए राजनीतिक चुनौती बन गया है। हालांकि ट्रंप ने अपने समर्थकों से इस मुद्दे को छोड़ने की अपील की है, लेकिन एपस्टीन के अपराधों और संभावित शामिल लोगों को लेकर जनता की रुचि बनी हुई है।