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तनाव का मस्तिष्क पर प्रभाव: जानें कैसे होता है नुकसान

तनाव का मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ता है, जिससे सोचने और समझने की क्षमता में कमी आ सकती है। शोध से पता चलता है कि अवसादग्रस्त व्यक्तियों के मस्तिष्क के सफेद पदार्थ में बदलाव होता है, जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। जानें कि कैसे तनाव और अवसाद का त्वरित उपचार आवश्यक है और इसके प्रभावों को समझने के लिए और अध्ययन की आवश्यकता है।
 

तनाव और मस्तिष्क का संबंध

समाचार स्रोत: आजकल, कई लोग विभिन्न कारणों से तनाव का सामना कर रहे हैं। यह तनाव नौकरी, पारिवारिक मुद्दों या अवसाद जैसी समस्याओं से उत्पन्न हो सकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लगातार तनाव में रहने से हमारे मस्तिष्क पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है?



आइए जानते हैं इसके बारे में। तनाव के कारण मस्तिष्क की संरचना में बदलाव का खतरा बढ़ जाता है, जो संचार और सोचने की क्षमताओं को प्रभावित कर सकता है। शोध से पता चला है कि तनाव से प्रभावित व्यक्तियों के मस्तिष्क के सफेद पदार्थ में परिवर्तन होता है, जो मस्तिष्क की कोशिकाओं को विद्युत संकेतों के माध्यम से जोड़ने में मदद करता है।


सफेद पदार्थ मस्तिष्क की वायरिंग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी व्यक्ति की सोचने और समझने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है। इसके अलावा, अवसाद से ग्रस्त लोगों में सफेद पदार्थ का घनत्व सामान्य से कम पाया गया है।


एडिनबर्ग विश्वविद्यालय की वरिष्ठ अनुसंधान फेलो हीथर व्हेल ने इस विषय पर और जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि अवसादग्रस्त व्यक्तियों का सफेद पदार्थ बदलता है। उन्होंने यह भी कहा कि तनाव एक प्रमुख विकलांगता का कारण है। "अवसाद का त्वरित उपचार आवश्यक है, और हम इसे और गहराई से अध्ययन करने के बाद ही इसके उपचार के तरीके खोज पाएंगे," व्हेल ने कहा।