तमिलनाडु में मतदाता नाम कटने की चौंकाने वाली संख्या
मतदाता नामों में कटौती का विश्लेषण
तमिलनाडु में एक चौंकाने वाली स्थिति सामने आई है, जहां बिहार से कम और पश्चिम बंगाल के लगभग बराबर मतदाता होने के बावजूद, यहां के मतदाता सूची से अधिक नाम कट गए हैं। बिहार में 69 लाख और पश्चिम बंगाल में 58 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए, जबकि तमिलनाडु में यह संख्या 97 लाख से अधिक है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि तमिलनाडु में मृत मतदाताओं के नाम भी अधिक हैं। उदाहरण के लिए, बिहार में 22 लाख मृत मतदाता थे, जबकि तमिलनाडु में यह संख्या 26 लाख से अधिक है।
सवाल और चिंताएं
यहां सवाल उठता है कि क्या कम जनसंख्या वाले तमिलनाडु में बिहार की तुलना में अधिक लोगों की मृत्यु हुई है? इसके अलावा, क्या तमिलनाडु ने पश्चिम बंगाल की तरह मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को गंभीरता से नहीं लिया? पश्चिम बंगाल ने इस प्रक्रिया को गंभीरता से अपनाया था, जिसके परिणामस्वरूप वहां बड़ी संख्या में जन्म और आवास प्रमाणपत्र बनाए गए थे। इसके विपरीत, तमिलनाडु में ऐसा कोई प्रयास नहीं दिखाई देता, जिससे वहां के मतदाता सूची में इतनी बड़ी कटौती हुई है।
आगामी विधानसभा चुनाव
राज्य में अगले साल अप्रैल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि 18 जनवरी तक दावे और आपत्तियों में कितने लोग अपने नाम जोड़ने के लिए आगे आते हैं। इससे यह भी स्पष्ट होगा कि क्या तमिलनाडु में बिहार और पश्चिम बंगाल की तुलना में अधिक पलायन हुआ है।