ताइवान सांसदों ने चीन के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया, बढ़ते दबाव की निंदा
चीन के खिलाफ ताइवान का कड़ा रुख
ताइवान की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (DPP) के सांसदों ने चीन की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन DPP विधायक प्यूमा शेन के खिलाफ 'अलगाववाद' के आरोप में कानूनी कार्रवाई करने की योजना बना रहा है। इस प्रस्ताव में यह कहा गया है कि चीन का बढ़ता दबाव ताइवान की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को कमजोर करने और निर्वाचित अधिकारियों को डराने का प्रयास है, जैसा कि ताइपे टाइम्स ने बताया है।
चीन की धमकियाँ और ताइवान की प्रतिक्रिया
ताइपे टाइम्स के अनुसार, चीन की धमकियाँ ताइवान के आंतरिक मामलों में अस्वीकार्य हस्तक्षेप हैं, जो न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए, बल्कि वैश्विक नियम-आधारित व्यवस्था के लिए भी खतरा हैं। DPP कॉकस ने सभी दलों के विधायकों से शेन के राजनीतिक कर्तव्यों को आपराधिक बनाने और चीन के भय फैलाने वाले कदम का विरोध करने का आग्रह किया। प्रस्ताव में स्पष्ट किया गया है कि चीन का ताइवान पर कोई कानूनी अधिकार नहीं है और वह ताइवानी नागरिकों को दंडित नहीं कर सकता।
ताइवान की स्वतंत्रता और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्धता
प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि ताइवान के लोगों को जो संवैधानिक स्वतंत्रताएँ प्राप्त हैं, वे अंतर्निहित हैं और चीनी सरकार की राजनीतिक इच्छाओं से प्रभावित नहीं हो सकतीं। सांसद राष्ट्रीय रक्षा को बढ़ावा देने, समान विचारधारा वाले लोकतंत्रों के साथ संबंधों को मजबूत करने और ताइवान की संप्रभुता की रक्षा के लिए उपायों को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे।
चीन के आरोपों की पृष्ठभूमि
चीन के आरोपों की शुरुआत चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की एक रिपोर्ट से हुई, जिसमें कहा गया था कि चोंगकिंग नगर सार्वजनिक सुरक्षा ब्यूरो 'अलगाव' से जुड़ी गतिविधियों की जांच कर रहा है, जिसमें नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण समूह कुमा अकादमी की स्थापना में शेन की भूमिका भी शामिल है.