तारिक रहमान की बांग्लादेश में वापसी: राजनीतिक बदलाव की नई शुरुआत
तारिक रहमान, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष, ने लगभग दो दशकों के निर्वासन के बाद अपने देश में वापसी की है। ढाका में एक रैली में उन्होंने लोकतांत्रिक अधिकारों की बहाली और देश के भविष्य के लिए अपने विचार साझा किए। रहमान ने हाल ही में मारे गए कार्यकर्ता को श्रद्धांजलि दी और अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की चिंता जताई। उनकी वापसी के साथ ही बांग्लादेश की राजनीति में नए बदलाव की उम्मीदें जगी हैं।
Dec 25, 2025, 18:06 IST
तारिक रहमान की वतन वापसी
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के पुत्र तारिक रहमान ने लगभग 20 वर्षों के निर्वासन के बाद अपने देश में कदम रखा है। उन्होंने बुधवार को ढाका में आयोजित एक विशाल रैली में अपने विचार साझा किए और देश के भविष्य के लिए अपनी योजनाओं का खुलासा किया।
मार्टिन लूथर किंग की प्रेरणा
हजारों समर्थकों के बीच तारिक रहमान ने अमेरिकी नागरिक अधिकार नेता मार्टिन लूथर किंग जूनियर के प्रसिद्ध भाषण का उल्लेख करते हुए कहा, 'मेरे पास एक योजना है।' उन्होंने यह भी कहा कि यह योजना तभी सफल होगी जब देश की जनता का समर्थन प्राप्त होगा।
अपने संबोधन में रहमान ने कहा कि लोग अपने लोकतांत्रिक अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बहाली की मांग कर रहे हैं। उन्होंने बांग्लादेश को मुस्लिम, हिंदू, बौद्ध और ईसाई सभी धर्मों के लोगों का साझा घर बताया।
भारत विरोधी नेता को श्रद्धांजलि
रहमान ने हाल ही में मारे गए कार्यकर्ता उस्मान हादी को श्रद्धांजलि अर्पित की। हादी की हत्या के बाद बांग्लादेश में तनाव बढ़ गया है, और प्रदर्शनकारी इस हत्या के पीछे 'भारतीय हाथ' होने का आरोप लगा रहे हैं, जिससे भारत-बांग्लादेश संबंधों में तनाव और बढ़ गया है।
अल्पसंख्यकों पर हमले
तारिक रहमान की वापसी उस समय हुई है जब देश में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं। हाल ही में दीपु चंद्र दास नामक एक हिंदू नागरिक को कथित ईशनिंदा के आरोप में पीट-पीटकर मार दिया गया। अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे हमलों के बीच भारत ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा की मांग की है।
मुहम्मद यूनुस से मुलाकात
वतन लौटने के बाद, तारिक रहमान ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस से मुलाकात की और देश की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की। रहमान के सामने अब फरवरी 2026 में होने वाले चुनावों से पहले जनता का विश्वास जीतने और देश में शांति स्थापित करने की चुनौती है।