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तिब्बत चुनाव आयोग ने 2026 के चुनावों का कार्यक्रम घोषित किया: क्या है प्रक्रिया?

तिब्बत चुनाव आयोग ने 2026 के चुनावों का कार्यक्रम घोषित किया है, जिसमें निर्वासित तिब्बती समुदाय के लिए मतदान की प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने का आश्वासन दिया गया है। चुनाव दो चरणों में होंगे, पहले चरण में उम्मीदवारों का नामांकन किया जाएगा। डोल्मा त्सेरिंग ने निर्वासन में तिब्बती समुदाय की उपलब्धियों और दलाई लामा के सम्मान में 'करुणा वर्ष' मनाने की घोषणा की। यह चुनाव तिब्बतियों के लोकतांत्रिक अधिकारों को सुदृढ़ करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
 

तिब्बत चुनाव आयोग का चुनाव कार्यक्रम

तिब्बत चुनाव आयोग ने मंगलवार को निर्वासित तिब्बत सरकार और संसद के आगामी चुनावों की तिथियों की घोषणा की। अधिकारियों ने बताया कि 18वें चुनाव को पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ आयोजित किया जाएगा। ये चुनाव हर पांच साल में होते हैं। इस बार सिक्योंग (राजनीतिक नेता) और निर्वासित तिब्बत संसद के चुनाव दो चरणों में होंगे, पहला चरण 1 फरवरी 2026 को और दूसरा चरण 26 अप्रैल 2026 को होगा.


पहले चरण में उम्मीदवारों का नामांकन

चुनाव आयोग ने जानकारी दी कि दुनिया भर में बसे निर्वासित तिब्बती पहले चरण में अपने पसंदीदा उम्मीदवारों का नामांकन करेंगे। इसके बाद अंतिम चुनाव के लिए एक शॉर्टलिस्ट तैयार की जाएगी। इस अवसर पर नैतिक आचार संहिता भी जारी की गई है, जिससे चुनाव प्रक्रिया में अनुशासन और पारदर्शिता बनी रहे। अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी निर्वाचन गतिविधियां नियमों और कानूनी ढांचे के तहत होंगी.


डोल्मा त्सेरिंग का बयान

पिछले साल 17वीं निर्वासित तिब्बत संसद का दसवां सत्र 18 सितंबर को धर्मशाला, उत्तर भारत में संपन्न हुआ। इस सत्र में डोल्मा त्सेरिंग ने तिब्बत एकजुटता प्रस्ताव पारित किया, जिसमें उन्होंने तिब्बत और उसके लोगों को अधिनायकवादी शासन के तहत आने वाली कठिनाइयों का उल्लेख किया। उन्होंने दलाई लामा के 90वें जन्मदिन पर उन्हें सम्मानित किया और इसे 'करुणा वर्ष' के रूप में मनाने की घोषणा की.


निर्वासन में तिब्बती समुदाय की उपलब्धियाँ

डोल्मा त्सेरिंग ने कहा कि निर्वासन में तिब्बती समुदाय ने शून्य से शुरुआत करके एक सशक्त और संपन्न समुदाय का निर्माण किया है। उन्होंने यह भी बताया कि तिब्बत में जो सांस्कृतिक और सामाजिक संपत्ति नष्ट हुई है, उसका संरक्षण निर्वासित समुदाय ने किया है। सत्र में विभिन्न विभागों और संसद सदस्यों ने सक्रिय भागीदारी दिखाई, जिससे संसद की कार्यवाही सफल रही.


आगामी चुनावों का महत्व

अधिकारियों ने बताया कि आगामी चुनाव तिब्बतियों के लोकतांत्रिक अधिकारों को सुदृढ़ करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। निर्वासित तिब्बती जनता की सक्रिय भागीदारी से न केवल लोकतंत्र मजबूत होगा, बल्कि निर्वासन में तिब्बती संस्कृति और शासन प्रणाली की स्थिरता भी बनी रहेगी। आयोग ने यह सुनिश्चित किया है कि चुनाव प्रक्रिया में सभी सुरक्षा और प्रशासनिक प्रबंध पूरे किए जाएंगे, ताकि दुनिया भर के निर्वासित तिब्बती अपने मताधिकार का सम्मानपूर्वक उपयोग कर सकें.


समुदाय में उत्साह

इस प्रकार, 2026 के चुनावों की घोषणा ने तिब्बती समुदाय में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति उत्साह और जागरूकता बढ़ाई है। यह निर्वासित तिब्बत सरकार के सक्रिय और पारदर्शी प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.