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तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसाद में घी मिलावट का मामला: जांच में चौंकाने वाले खुलासे

तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसाद में घी मिलावट के मामले में विशेष जांच टीम (SIT) ने कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए हैं। हाल ही में गिरफ्तार आरोपी अजय कुमार से मिली जानकारी के अनुसार, एक डेयरी ने बिना दूध के नकली घी का उत्पादन किया। जांच में यह भी सामने आया कि डेयरी के प्रमोटरों ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से तिरुपति मंदिर ट्रस्ट को लाखों किलोग्राम नकली घी की आपूर्ति की। यह मामला देश के सबसे बड़े खाद्य धोखाधड़ी मामलों में से एक माना जा रहा है।
 

तिरुपति मंदिर में घी मिलावट का मामला


नई दिल्ली: तिरुपति मंदिर के प्रसिद्ध 'लड्डू प्रसाद' में उपयोग होने वाले घी में मिलावट के मामले में सीबीआई के नेतृत्व में विशेष जांच टीम (SIT) ने कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए हैं.


हाल ही में गिरफ्तार किए गए अजय कुमार से पूछताछ में यह जानकारी मिली कि उसने भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी को मोनोडाइग्लिसराइड्स, एसिटिक एसिड एस्टर, लैक्टिक एसिड और कृत्रिम घी एसेंस जैसे रसायनों की आपूर्ति की थी. यह डेयरी तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) को लड्डू प्रसाद के लिए घी प्रदान करती थी.


रिमांड रिपोर्ट में खुलासे

एसीबी अदालत में प्रस्तुत रिमांड रिपोर्ट


एसआईटी द्वारा नेल्लोर एसीबी अदालत में प्रस्तुत रिमांड रिपोर्ट के अनुसार, यह स्पष्ट हुआ है कि भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी, जो उत्तराखंड के भगवानपुर में स्थित है, ने न तो दूध खरीदा और न ही मक्खन. इसके बावजूद, इस डेयरी ने 2019 से 2024 के बीच तिरुपति मंदिर ट्रस्ट को 68 लाख किलोग्राम नकली घी की आपूर्ति की, जिसकी कुल कीमत लगभग 250 करोड़ रुपये है.


नकली घी का उत्पादन

कैसे बनाया गया नकली घी?


जांच में यह भी सामने आया कि डेयरी के प्रमोटर पोमिल जैन और विपिन जैन ने एक फर्जी देसी घी उत्पादन इकाई स्थापित की थी. इस नकली फैक्ट्री में बिना दूध या मक्खन के केवल पाम ऑयल और रासायनिक पदार्थों से नकली घी तैयार किया जाता था.


रिपोर्ट में बताया गया कि भोले बाबा डेयरी के प्रमोटरों ने दूध खरीदने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाए थे. लेकिन जब स्थानीय दूध उत्पादकों से पूछताछ की गई, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी इस डेयरी को दूध नहीं बेचा. इससे यह स्पष्ट हो गया कि पूरा कारोबार नकली और फर्जी दस्तावेजों पर आधारित था.


जांच की प्रगति

जांच जारी है


एसआईटी को यह भी जानकारी मिली कि पोमिल जैन और विपिन जैन ने अपने मुख्य संयंत्र से लगभग दो किलोमीटर दूर एक बंद डेयरी इकाई खरीदी और वहां हर्ष फ्रेश डेयरी नाम से नया कारोबार शुरू किया. इसी इकाई के नाम पर उन्होंने दिल्ली की बजस एंड बजस कंपनी से बड़े पैमाने पर पाम ऑयल और पाम कर्नेल ऑयल खरीदे. यह कंपनी मलेशिया से पाम ऑयल आयात करने वाली बड़ी सप्लायर बताई गई है.


इसके बाद इन तेलों में रासायनिक पदार्थ मिलाकर नकली घी तैयार किया गया. इस नकली घी को भोले बाबा डेयरी के लेबल के साथ पैक करके तिरुपति मंदिर ट्रस्ट को सप्लाई किया गया.


सीबीआई और एसआईटी की टीम ने कहा कि यह देश के सबसे बड़े खाद्य धोखाधड़ी मामलों में से एक है, जहां धार्मिक प्रसाद में इस्तेमाल होने वाले घी में मिलावट की गई. जांच जारी है और बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी की भी संभावना है.