तुर्की का पाकिस्तान को समर्थन: एर्दोआन का कश्मीर पर बयान
तुर्की का पाकिस्तान के प्रति समर्थन
हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य संघर्ष में, तुर्की ने पाकिस्तान को समर्थन देने में दृढ़ता दिखाई। तुर्की सरकार के करीबी सूत्रों के अनुसार, तुर्की के मालवाहक विमानों ने पाकिस्तान को सैन्य सामग्री भेजी, हालांकि तुर्की के अधिकारियों ने इस दावे का खंडन किया। यह तुर्की द्वारा दिया गया एक महत्वपूर्ण बयान है, जो उसके एशिया न्यू इनिशिएटिव से भिन्न है, क्योंकि तुर्की अपनी दक्षिण एशिया नीति में व्यापार को सुरक्षा से अधिक प्राथमिकता देता है।
एर्दोआन का कश्मीर मुद्दे पर बयान
तुर्की के राष्ट्रपति, तैयब एर्दोआन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दे का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम से उनका देश खुश है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद-रोधी प्रयासों में दोनों देशों के बीच सहयोग आवश्यक है। एर्दोआन ने कहा, "कश्मीर का समाधान संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार और वहां के लोगों के हित में संवाद के माध्यम से होना चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा, "दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता को सर्वोच्च महत्व दिया जाना चाहिए। हमें खुशी है कि अप्रैल में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बाद संघर्षविराम स्थापित हुआ।"
भारत-पाकिस्तान संघर्ष और तुर्की की भूमिका
भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया। यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। भारत के हमलों के बाद चार दिनों तक दोनों देशों के बीच झड़पें हुईं, और अंततः 10 मई को सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति बनी।
एर्दोआन की टिप्पणियाँ कश्मीर मुद्दे में तुर्की की निरंतर कूटनीतिक रुचि को दर्शाती हैं। उनके भाषण में पाकिस्तान का समर्थन करने के आरोप भी लगे हैं, जिसमें उन्हें "भाई राष्ट्र" कहने और पाकिस्तान को सैन्य सहायता देने का आरोप शामिल है।
भारत में तुर्की के सामान का बहिष्कार
इन आरोपों और एर्दोआन के सार्वजनिक रुख ने भारत में तुर्की के सामान और पर्यटन के बहिष्कार आंदोलन को जन्म दिया है। हाल के संघर्ष में तुर्की की भागीदारी को लेकर विवाद और बढ़ गया है, जिसमें दो तुर्की ऑपरेटिव की मौत भी शामिल है।