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तुर्की ने पाकिस्तान को सौंपा नया युद्धपोत, भारत के लिए बढ़ी चिंता

तुर्की ने पाकिस्तान को नया युद्धपोत पीएनएस खेबर सौंपा है, जिससे भारत की सुरक्षा चिंताएँ बढ़ गई हैं। यह कदम उस समय आया है जब तुर्की ने भारत के खिलाफ पाकिस्तान के साथ मिलकर साजिशें रचने का आरोप लगाया है। तुर्की और पाकिस्तान के बीच सैन्य सहयोग गहरा हो रहा है, जिसमें युद्धपोतों के निर्माण और तकनीकी सहायता शामिल है। जानें इस सहयोग के पीछे की कहानी और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
 

तुर्की का पाकिस्तान को युद्धपोत सौंपना

तुर्की ने हाल ही में पाकिस्तान को अपना एमआईएल जीईएमपीएनएस के तहत निर्मित युद्धपोत पीएनएस खेबर सौंपा है। यह कदम उस समय आया है जब भारत ने तुर्की को संकट के समय सहायता प्रदान की थी, लेकिन अब तुर्की भारत के खिलाफ पाकिस्तान के साथ मिलकर साजिशें रच रहा है। तुर्की ने बांग्लादेश और पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत को निशाना बनाने की योजना बनाई है। हाल ही में दिल्ली में हुए विस्फोट में भी तुर्की का नाम सामने आया था। अब तुर्की ने पाकिस्तान के लंबे समय से चले आ रहे सपने को पूरा कर दिया है।


युद्धपोत के परीक्षण और निर्माण

रिपोर्टों के अनुसार, तुर्की ने पाकिस्तान के लिए बनाए जा रहे युद्धपोत के लाइव फायर टेस्ट सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं। इस परीक्षण में तकनीकी क्षमता और ऑपरेशनल विश्वसनीयता का प्रदर्शन किया गया। तुर्की चार युद्धपोतों का निर्माण कर रहा है, जिनमें से पीएनएस खेबर ने हाल ही में सभी लक्ष्यों पर सटीक निशाना साधा।


तुर्की-पाकिस्तान सहयोग

पाकिस्तान ने 2018 में तुर्की के साथ चार मिलगेम श्रेणी के जहाजों के निर्माण के लिए एक समझौता किया था। इस समझौते के तहत, दो जहाज तुर्की में और दो पाकिस्तान में बनाए जा रहे हैं। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने इस जहाज को तुर्की के लिए गर्व का स्रोत बताया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को दो युद्धपोत सौंपने का कार्य पूरा हो गया है।


तुर्की और पाकिस्तान के बीच संबंध

तुर्की, पाकिस्तान का एक महत्वपूर्ण सहयोगी है, जो आर्थिक, सैन्य और तकनीकी क्षेत्रों में सहयोग कर रहा है। पाकिस्तान ने तुर्की से 30 ATAK हमलावर हेलीकॉप्टरों का भी ऑर्डर दिया है। जम्मू और कश्मीर के मुद्दे पर एर्दोगन ने हमेशा पाकिस्तान का समर्थन किया है, भले ही पाकिस्तान ने इस क्षेत्र के कुछ हिस्सों पर अवैध कब्जा किया हो।