×

तेज प्रताप यादव ने बहन के अपमान पर दी कड़ी प्रतिक्रिया

तेज प्रताप यादव ने अपनी बहन रोहिणी आचार्य के अपमान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट साझा करते हुए कहा कि यह अपमान सहन नहीं किया जा सकता। तेज प्रताप ने अपने पिता लालू यादव से एक इशारा करने की अपील की, जिससे बिहार की जनता जयचंदों को सजा देने के लिए आगे आएगी। इस विवाद के पीछे रोहिणी के भाई तेजस्वी यादव पर लगाए गए गंभीर आरोप भी हैं। जानें पूरी कहानी में क्या हुआ।
 

तेज प्रताप यादव का भावुक बयान

पटना- राजद के नेता तेज प्रताप यादव, जो कि लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे हैं, ने अपनी बहन रोहिणी आचार्य के साथ हुए विवाद पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट साझा किया है।


तेज प्रताप ने कहा कि उनकी बहन का अपमान किसी भी स्थिति में सहन नहीं किया जा सकता। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जयचंदों के परिवार पर हमला किया गया, तो बिहार की जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी। तेज प्रताप ने अपने पिता लालू यादव से अनुरोध किया कि एक इशारा करें, और बिहार की जनता इन जयचंदों को सजा देने में पीछे नहीं हटेगी।


बिहार विधानसभा चुनाव में राजद की हार के बाद, रोहिणी आचार्य ने अपने भाई तेजस्वी यादव पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा कि उनके साथ मारपीट करने के लिए चप्पल तक उठाई गई। इस पर तेज प्रताप ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया दी।


तेज प्रताप ने अपने पार्टी के इंस्टाग्राम हैंडल पर लिखा, 'कल की घटना ने मुझे भीतर तक झकझोर दिया है। मैंने जो सहा, वह सहन किया, लेकिन मेरी बहन के साथ जो अपमान हुआ, वह असहनीय है। सुन लो, जयचंदों के परिवार पर हमला करोगे तो बिहार की जनता तुम्हें कभी माफ नहीं करेगी।' उन्होंने आगे कहा, 'जबसे मैंने रोहिणी बहन के चप्पल उठाने की बात सुनी, मेरा दिल जल उठा है। जब जनमानस की भावनाएं आहत होती हैं, तो बुद्धि पर धूल पड़ जाती है। इन चेहरों ने तेजस्वी की बुद्धि को भी ढक दिया है। इस अन्याय का परिणाम भयानक होगा। समय का लेखा-जोखा कठोर होता है।'


तेज प्रताप ने अपने पिता से कहा, 'मैं माननीय आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मेरे राजनीतिक गुरु लालू प्रसाद जी से निवेदन करता हूं। पिता जी, एक संकेत दीजिए। आपका एक इशारा ही बिहार की जनता को इन जयचंदों को सजा देने के लिए प्रेरित करेगा। यह लड़ाई किसी राजनीतिक दल की नहीं, बल्कि परिवार के सम्मान, बेटी की गरिमा और बिहार के स्वाभिमान की है।'