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तेज प्रताप यादव ने सभा में भीड़ को लताड़ा, राजनीतिक संदेश दिया

बिहार के जहानाबाद में एक सभा के दौरान तेज प्रताप यादव ने एक व्यक्ति को लताड़ते हुए कहा कि सरकार लोगों द्वारा बनती है, न कि किसी एक व्यक्ति द्वारा। उन्होंने अपनी टीम को तोड़ने के प्रयासों की भी चर्चा की और कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री बनने की इच्छा नहीं है। उनका यह बयान महागठबंधन के भीतर एकता और नेतृत्व पर सवाल उठाता है। जानें इस घटना का राजनीतिक महत्व क्या है और यह आगामी विधानसभा चुनावों पर कैसे असर डाल सकता है।
 

तेज प्रताप यादव का तीखा बयान

बिहार के जहानाबाद में एक सभा के दौरान पूर्व आरजेडी नेता तेज प्रताप यादव ने एक व्यक्ति को कड़ी फटकार लगाई, जो “अबकी बार तेजस्वी सरकार” का नारा लगा रहा था। यह घटना 30 अगस्त 2025 की रात 10:15 बजे हुई। तेज प्रताप ने मंच से कहा, “यहां बकवास मत करो... सरकार लोगों द्वारा बनती है, किसी एक व्यक्ति द्वारा नहीं। किसी को इस पर गर्व नहीं करना चाहिए। जो घमंड में रहेगा, वही जल्दी गिरेगा।”


एक समाचार रिपोर्ट के अनुसार, तेज प्रताप ने आगे कहा कि कुछ लोग उनकी “टीम तेज प्रताप यादव” को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, “किसी ने मुझे तोड़ने की कोशिश की, लेकिन भगवान ने मुझे दूसरा मौका दिया। जो अपने लोगों के प्रति वफादार नहीं हो सकता, वह नागरिकों के लिए क्या करेगा? मुझे मुख्यमंत्री बनने की इच्छा नहीं है।” उनका यह बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि यह महागठबंधन के भीतर एकता और नेतृत्व पर सवाल उठाता है।


VIDEO | Former RJD leader Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) calls out a person in the crowd who shouted ‘Abki Baar Tejashwi Sarkar', while addressing a gathering in Jehanabad, Bihar.

He reacted, “Don’t talk nonsense here… Government is formed by people, not by an individual.… pic.twitter.com/P2bVw7vtb1



तेज प्रताप का राजनीतिक दृष्टिकोण


इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि तेज प्रताप अपनी छवि को एक विनम्र और जन-केंद्रित नेता के रूप में प्रस्तुत करना चाहते हैं। उनका जोर इस बात पर है कि सत्ता व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा से नहीं, बल्कि जनता की इच्छा से मिलती है। जहानाबाद की सभा में उपस्थित लोगों ने उनकी इस बात का समर्थन किया, लेकिन कुछ ने इसे तेजस्वी यादव के प्रति एक राजनीतिक रणनीति के रूप में देखा। यह घटना बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले गठबंधन की रणनीति पर बहस को और तेज कर सकती है।