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तेजस्वी यादव को मिला तीसरा नोटिस, फर्जी वोटर आईडी का मामला गरमाता

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को फर्जी वोटर आईडी के मामले में तीसरा नोटिस मिला है। निर्वाचन निबंधन अधिकारी ने उनके द्वारा प्रस्तुत वोटर आईडी नंबर को फर्जी करार दिया है। तेजस्वी को 16 अगस्त तक सही दस्तावेज जमा करने का आदेश दिया गया है। यह मामला उनके लिए गंभीर कानूनी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है, क्योंकि चुनाव आयोग ने इसे अपराध की श्रेणी में रखा है। जानें इस विवाद का बिहार की राजनीति पर क्या असर पड़ सकता है।
 

तेजस्वी यादव का फर्जी वोटर आईडी विवाद

तेजस्वी यादव फर्जी वोटर आईडी: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव एक बार फिर विवादों में हैं। अगस्त में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने जिस वोटर आईडी नंबर (EPIC नंबर- RAB2916120) का उल्लेख किया था, उसे पटना के निर्वाचन निबंधन अधिकारी ने फर्जी करार दिया है। इस मामले में तेजस्वी को तीसरी बार नोटिस जारी किया गया है, जिसमें उन्हें 16 अगस्त शाम 5 बजे तक फर्जी वोटर आईडी जमा करने का आदेश दिया गया है।


पटना के निर्वाचन निबंधन पदाधिकारी द्वारा भेजे गए नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि जांच में पाया गया कि उनका नाम मतदान केंद्र संख्या- 204, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के पुस्तकालय भवन में दर्ज है। इस मतदाता सूची में उनका EPIC नंबर RAB0456228 है। इसके अलावा, 2015 और 2020 के नामांकन पत्रों में भी तेजस्वी ने यही EPIC नंबर दर्ज किया था। बीएलओ द्वारा जमा किए गए फॉर्म-6 में भी यही EPIC नंबर पाया गया। इसलिए प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाया गया EPIC नंबर RAB2916120 चुनाव आयोग द्वारा जारी नहीं किया गया है, जिससे इसे फर्जी घोषित किया गया है।



तीसरी बार नोटिस: तेजस्वी पर उठते सवाल


यह पहली बार नहीं है जब तेजस्वी यादव को इस मामले में नोटिस प्राप्त हुआ है। पहले 6 अगस्त को उन्हें पत्र लिखकर 8 अगस्त तक फर्जी वोटर आईडी जमा करने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद 2 अगस्त को पहला नोटिस जारी किया गया था। अब शनिवार, 8 अगस्त को तीसरी बार नोटिस जारी कर प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाए गए ईपीआईसी नंबर से संबंधित वोटर आईडी 16 अगस्त तक जमा करने को कहा गया है।


दो वोटर आईडी का मामला: कानूनी कार्रवाई की संभावना


दो वोटर आईडी रखने का यह मामला तेजस्वी यादव के लिए गंभीर कानूनी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। चुनाव आयोग ने इसे अपराध की श्रेणी में रखा है और फर्जी वोटर आईडी के उपयोग को गंभीरता से लिया है। तेजस्वी की ओर से इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यह विवाद बिहार की राजनीति में हलचल मचाने के लिए पर्याप्त है। उल्लेखनीय है कि इस साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, हालांकि चुनाव आयोग की ओर से इसकी कोई आधिकारिक तारीख अभी तक नहीं आई है।