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तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल, दो ईपीआईसी नंबरों का मामला गरमाया

तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर तीखा हमला करते हुए दो ईपीआईसी नंबरों के मामले में जवाबदेही की मांग की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें पटना के रजिस्ट्रेशन विभाग से नोटिस मिला है, न कि चुनाव आयोग से। इस विवाद ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है, जहां राजद समर्थक इसे साजिश मानते हैं, जबकि विपक्ष इसे प्रशासनिक चूक मान रहा है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और तेजस्वी के बयानों का क्या असर होगा।
 

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में उठे सवाल

Bihar Assembly Election 2025: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर तीखा हमला किया है। उन्होंने दो ईपीआईसी (मतदाता पहचान पत्र) नंबर जारी होने के मामले में जवाबदेही की मांग की है। तेजस्वी ने मीडिया से बातचीत में कहा, "यदि दो ईपीआईसी नंबर जारी किए गए हैं, तो गलती किसकी है? और वे मुझसे स्पष्टीकरण मांग रहे हैं।" उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें चुनाव आयोग से नहीं, बल्कि पटना के रजिस्ट्रेशन विभाग से नोटिस प्राप्त हुआ है। तेजस्वी ने कहा, "उन्हें चुनाव आयोग से नहीं, बल्कि पटना रजिस्ट्रेशन विभाग से नोटिस मिला है और वे इसका सही जवाब देंगे।


पटना के निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) ने तेजस्वी यादव से उस ईपीआईसी कार्ड का विवरण जमा करने को कहा है, जिसका उल्लेख उन्होंने 2 अगस्त को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया था। नोटिस में 8 अगस्त की दोपहर तक सभी दस्तावेज और ईपीआईसी कार्ड की कॉपी जमा करने का अनुरोध किया गया है। पत्र में लिखा गया है, 'आपके द्वारा 02.08.2025 को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही गई ईपीआईसी कार्ड का विवरण गहन जांच के लिए मांगा गया था, लेकिन अब तक आपके स्तर से वांछित दस्तावेज और ईपीआईसी कार्ड की कॉपी उपलब्ध नहीं कराई गई है। कृपया 08.08.2025 के दोपहर तक विवरण संबंधित अधिकारी को उपलब्ध करा दें, ताकि इसकी जांच की जा सके.'



तेजस्वी के दावे और चुनाव आयोग का खंडन


तेजस्वी यादव ने पहले यह दावा किया था कि 1 अगस्त को जारी नई वोटर लिस्ट ड्राफ्ट में उनका नाम नहीं है। इसके बाद, उन्होंने आरोप लगाया कि उनका ईपीआईसी नंबर बदल दिया गया है। हालांकि, चुनाव आयोग ने इन दावों का खंडन करते हुए स्पष्ट किया कि गहन जांच के बाद पुष्टि हुई है कि तेजस्वी का नाम बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के पुस्तकालय भवन स्थित मतदान केंद्र संख्या 204 के क्रमांक 416 पर मौजूद है।


राजनीतिक माहौल में उथल-पुथल


यह मामला अब राजनीतिक चर्चा का केंद्र बन गया है। तेजस्वी के बयानों ने न केवल चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि मतदाता सूची और ईपीआईसी नंबर से जुड़े प्रबंधन की पारदर्शिता पर भी बहस छेड़ दी है। राजद समर्थकों का मानना है कि यह मामला तेजस्वी को बदनाम करने की साजिश हो सकता है, जबकि विपक्षी दल इसे प्रशासनिक चूक मान रहे हैं। उल्लेखनीय है कि इस साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, और यह विवाद अब और गहरा होता नजर आ रहा है।