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तेजस्वी यादव ने बिहार वोटर लिस्ट रिव्यू पर चुनाव आयोग को घेरा

बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आज महागठबंधन के नेताओं के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि आयोग ने वोटर लिस्ट रिव्यू को मजाक बना दिया है और इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए। तेजस्वी ने आयोग से स्पष्टता की मांग की और कहा कि वोटर लिस्ट रिव्यू में आधार कार्ड की मान्यता को हटाना अजीब है। जानें इस मुद्दे पर उनकी पूरी बात और क्या कदम उठाए जाएंगे।
 

तेजस्वी यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस

तेजस्वी यादव प्रेस कॉन्फ्रेंस: बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आज महागठबंधन के नेताओं के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसका मुख्य विषय बिहार वोटर लिस्ट का रिव्यू था। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके साथ बिहार में RJD के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, मुकेश सहनी और वामपंथी दलों के प्रमुख नेता भी उपस्थित रहे। तेजस्वी यादव ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने खुद को और बिहार वोटर लिस्ट रिव्यू को मजाक बना दिया है। आयोग की स्थिति अभी तक स्पष्ट नहीं है। आयोग के विज्ञापन में भी भ्रम और विरोधाभास है। 6 जुलाई को चुनाव आयोग के फेसबुक पेज पर दो पोस्ट किए गए। एक में कहा गया कि बिना कागजात के फॉर्म जमा करें, जबकि दूसरी में दस्तावेज समय पर जमा करने की बात कही गई। महागठबंधन की मांग है कि चुनाव आयोग सभी मुद्दों पर स्पष्ट आदेश जारी करे।


रिव्यू को चुनाव आयोग की योजना बताया

तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और सितंबर में चुनाव की तारीखों का ऐलान होना है। इससे पहले 31 जुलाई तक वोटर लिस्ट का प्रकाशन होना है, लेकिन चुनाव आयोग ने अचानक वोटर लिस्ट रिव्यू का मुद्दा उठाया है। क्या यह चुनाव आयोग की पूर्वनिर्धारित योजना है? अब आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं। फार्म जमा हो चुके हैं और सभी आंकड़े गलत प्रतीत हो रहे हैं। भारत में अभी भी वोटर कार्ड के लिए आधार कार्ड की गाइडलाइंस हैं, लेकिन वोटर रिव्यू में आधार कार्ड को मान्यता नहीं दी गई है, जो कि एक अजीब स्थिति है। आखिर वोटर लिस्ट रिव्यू के लिए आधार कार्ड की मान्यता को क्यों हटाया गया है? विपक्ष ने इस मुद्दे पर सवाल उठाए हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस जवाब नहीं मिला है। क्या चुनाव आयोग बिहार में कुछ और करने की योजना बना रहा है? क्या यह नीतीश सरकार का कोई चाल है?


आयोग से शंकाओं का समाधान करने की मांग

तेजस्वी यादव ने कहा कि आयोग विज्ञापन में एक बात कहता है और आदेश में कुछ और। चुनाव आयोग के विज्ञापन और आदेश में काफी अंतर है और विरोधाभास है। आयोग को विपक्ष की शंकाओं का समाधान करना चाहिए। सवालों का जवाब देना चाहिए और अपने राजनीतिक दुरुपयोग को रोकना चाहिए। बिहार वोटर लिस्ट रिव्यू में शामिल लोगों की सूची जारी की जाए। रिव्यू के काम को फिलहाल रोक दिया जाए या इसे चुनाव के बाद किया जाए। रिव्यू के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिस पर 10 जुलाई को सुनवाई होगी।