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तेलंगाना के छात्र की कैलिफोर्निया में पुलिस गोलीबारी में मौत

तेलंगाना के 30 वर्षीय छात्र मोहम्मद निजामुद्दीन की कैलिफोर्निया में पुलिस द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना 3 सितंबर को हुई, लेकिन परिवार को इसकी जानकारी दो हफ्ते बाद मिली। निजामुद्दीन ने अमेरिका में उच्च शिक्षा प्राप्त की थी और एक सॉफ्टवेयर पेशेवर के रूप में काम कर रहा था। उसके पिता ने सरकार से शव वापस लाने की अपील की है। पुलिस ने बताया कि आरोपी ने चाकू से हमला किया था, जिसके बाद गोलीबारी हुई। परिवार इस घटना से गहरे सदमे में है।
 

घटना का विवरण

तेलंगाना के 30 वर्षीय छात्र मोहम्मद निजामुद्दीन की कैलिफोर्निया के सांता क्लारा में पुलिस द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई। आरोप है कि उसने अपने रूममेट पर चाकू से हमला किया था। यह घटना 3 सितंबर को हुई, लेकिन निजामुद्दीन के परिवार को उसकी मौत की जानकारी दो हफ्ते बाद मिली। निजामुद्दीन के पिता, रिटायर्ड शिक्षक हुसैनुद्दीन ने बताया कि उन्हें 18 सितंबर को अपने बेटे के दोस्त से यह खबर मिली, जो सांता क्लारा में ही रहता है।


शिक्षा और करियर

मृतक मोहम्मद निजामुद्दीन महबूबनगर जिले का निवासी था और 2016 में उच्च शिक्षा के लिए फ्लोरिडा कॉलेज गया था। परिवार के अनुसार, उसने मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद एक कंपनी में सॉफ्टवेयर पेशेवर के रूप में काम करना शुरू किया और प्रमोशन के बाद कैलिफोर्निया चला गया। उसके पिता ने न्यूज एजेंसी को बताया कि घटना के दिन क्या हुआ, यह स्पष्ट नहीं है।


पिता की गुहार

हुसैनुद्दीन ने केंद्र सरकार से अपने बेटे का शव वापस लाने में मदद की अपील की है। विदेश मंत्री एस जयशंकर को लिखे पत्र में उन्होंने कहा, "मुझे आज सुबह पता चला कि सांता क्लारा पुलिस ने निजामुद्दीन को गोली मारी और उसका शव कैलिफोर्निया के किसी अस्पताल में है। मुझे नहीं पता कि पुलिस ने उसे क्यों मारा।"


पुलिस का बयान

पुलिस का बयान

सांता क्लारा पुलिस विभाग ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि 3 सितंबर को सुबह 6:08 बजे 911 पर एक कॉल आई थी जिसमें चाकूबाजी की सूचना दी गई थी। कॉल करने वाले ने कहा कि आरोपी ने एक व्यक्ति पर चाकू से हमला किया। पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और आरोपी से मुठभेड़ के दौरान गोलीबारी हुई। आरोपी को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। घायल व्यक्ति का इलाज चल रहा है।


परिवार का दुख

परिवार सदमे में

महबूबनगर का परिवार इस घटना से गहरे सदमे में है। उसके पिता ने कहा, "हम बस उसे घर लाना चाहते हैं और उसका अंतिम संस्कार करना चाहते हैं।" समुदाय के नेताओं और स्थानीय प्रतिनिधियों ने विदेश मंत्रालय के अमेरिकी अधिकारियों से इस मामले पर चर्चा करने की उम्मीद जताई है।


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