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तेलंगाना में हाउसिंग प्रोजेक्ट निरीक्षण के दौरान विधायक को खतरा

तेलंगाना के वेमुलावाड़ा में एक हाउसिंग प्रोजेक्ट के निरीक्षण के दौरान विधायक आदी श्रीनिवास और कलेक्टर गरिमा अग्रवाल को एक बेसमेंट के ढहने से खतरा पैदा हुआ। इस घटना ने निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाए और राजनीतिक विवाद को जन्म दिया। विपक्ष ने कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। विधायक ने पलटवार करते हुए कहा कि यह हादसा बीआरएस सरकार के दौरान हुए निर्माण का परिणाम है। प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए सख्त निगरानी का आश्वासन दिया है।
 

तेलंगाना में हाउसिंग प्रोजेक्ट का निरीक्षण


तेलंगाना के वेमुलावाड़ा में मंगलवार को एक हाउसिंग प्रोजेक्ट के निरीक्षण के दौरान कांग्रेस विधायक आदी श्रीनिवास और कलेक्टर गरिमा अग्रवाल को गंभीर खतरे का सामना करना पड़ा।


निरीक्षण के दौरान अचानक एक बेसमेंट ढह गया, लेकिन अधिकारियों और विधायक के समर्थकों की तत्परता से उनकी जान बच गई। इस घटना ने निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाए और राजनीतिक विवाद को जन्म दिया। दोनों पक्षों ने इसे अपने दृष्टिकोण से पेश करते हुए आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू कर दिया।


निरीक्षण के दौरान बेसमेंट का ढहना

विधायक आदी श्रीनिवास, कलेक्टर गरिमा अग्रवाल और अन्य अधिकारी वेमुलावाड़ा नगरपालिका क्षेत्र में डबल-बेडरूम हाउसों का निरीक्षण कर रहे थे। अचानक एक बेसमेंट ढह गया। घटना के समय विधायक और अधिकारी वहीं मौजूद थे, लेकिन समर्थकों और कर्मचारियों की तत्परता ने उन्हें गंभीर चोट से बचा लिया। स्थानीय लोग भी घटना स्थल पर इकट्ठा हो गए और मदद के लिए दौड़े। अधिकारियों ने कहा कि यह दुर्घटना निर्माण की अधूरी गुणवत्ता का नतीजा हो सकती है।


विपक्ष ने उठाए भ्रष्टाचार के आरोप

बेसमेंट के ढहने के बाद, विपक्षी दल भारत राष्ट्र पार्टी (BRS) ने कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उनका कहना था कि यह घटना कांग्रेस सरकार की असफलताओं और भ्रष्टाचार की गवाही है। विपक्ष ने दावा किया कि बिना गुणवत्ता सुनिश्चित किए घरों का निर्माण किया गया, जिससे जनता की सुरक्षा खतरे में पड़ी। इस मुद्दे ने चुनावी और राजनीतिक माहौल को भी गर्मा दिया।


विधायक का पलटवार

विधायक आदी श्रीनिवास ने कहा कि यह हादसा बीआरएस सरकार के दौरान हुए निर्माण का नतीजा है। उन्होंने बताया कि डबल-बेडरूम हाउस बीआरएस शासन में ही ठेकेदारों के माध्यम से बनाए गए थे और अधूरे रह गए। विधायक ने आरोप लगाया कि निर्माण के लिए घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था ताकि कमिशन कमाया जा सके। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि अधूरी परियोजनाओं को पूरा किया जाए और लाभार्थियों को सौंपा जाए।


राजनीतिक बयानबाजी और पूर्व परियोजनाओं पर निशाना

विधायक ने कहा कि इस घटना से यह साबित होता है कि बीआरएस सरकार के दौरान परियोजनाओं की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कालेश्वरम प्रोजेक्ट में बनाए गए बांधों का उदाहरण देते हुए कहा कि वे भी इसी तरह गिरने के करीब थे। विधायक ने जनता को आश्वस्त किया कि कांग्रेस सरकार जल्द ही घरों का निर्माण पूरा कर लाभार्थियों को देगी।


प्रशासन का जवाब और भविष्य की योजना

कलेक्टर गरिमा अग्रवाल ने कहा कि अधिकारियों ने तुरंत स्थिति को नियंत्रित किया और किसी को गंभीर चोट नहीं आई। प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि अधूरी निर्माण परियोजनाओं में सुरक्षा और गुणवत्ता के मानक पूरे किए जाएं। विधायक ने जनता से भरोसा जताया कि जल्द ही सभी घर लाभार्थियों को सौंप दिए जाएंगे और ऐसे हादसों को भविष्य में रोकने के लिए सख्त निगरानी की जाएगी।