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दक्षिण कोरिया की पूर्व प्रथम महिला के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट की सुनवाई

दक्षिण कोरिया में पूर्व प्रथम महिला किम कोन ही के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट की सुनवाई मंगलवार को होने जा रही है। विशेष अभियोजक मिन जुंग-की की टीम ने अदालत में याचिका दायर की है कि यदि वारंट जारी होता है, तो उन्हें उनके पति पूर्व राष्ट्रपति यून सुक येओल से अलग डिटेंशन सेंटर में रखा जाए। यह घटना दक्षिण कोरिया के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकती है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और सुनवाई के संभावित परिणाम क्या हो सकते हैं।
 

गिरफ्तारी वारंट की संभावनाएं

दक्षिण कोरिया के विशेष अभियोजक मिन जुंग-की की टीम ने सोमवार को जानकारी दी कि यदि पूर्व प्रथम महिला किम कोन ही के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाता है, तो उन्हें एक अलग डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा, जो उनके पति और पूर्व राष्ट्रपति यून सुक येओल से अलग होगा। मिन की टीम ने पिछले गुरुवार को किम के खिलाफ वारंट के लिए आवेदन किया था, जो 2022 के संसदीय उपचुनावों में हस्तक्षेप, यूनिफिकेशन चर्च से रिश्वत लेने और स्टॉक मूल्य में हेरफेर के आरोपों से संबंधित है।


सियोल सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट मंगलवार को यह तय करेगा कि क्या कैपिटल मार्केट एक्ट, पॉलिटिकल फंड्स एक्ट और रिश्वत स्वीकार करने के आरोपों पर वारंट जारी किया जाए। यदि वारंट जारी होता है, तो यह दक्षिण कोरिया के इतिहास में पहली बार होगा जब किसी पूर्व राष्ट्रपति जोड़े को एक साथ हिरासत में लिया जाएगा।


विशेष अभियोजक की टीम ने प्रेस को बताया कि सियोल डिटेंशन सेंटर के अनुरोध पर, अदालत में याचिका दायर की गई है, जिसमें किम कोन ही की हिरासत को सियोल सदर्न डिटेंशन सेंटर में स्थानांतरित करने की मांग की गई है। किम कोन ही को मंगलवार की सुनवाई के बाद सियोल डिटेंशन सेंटर ले जाने का कार्यक्रम था, जहाँ वे अदालत के फैसले का इंतजार करेंगी।


इस बीच, पूर्व राष्ट्रपति यून सुक येओल के विद्रोह के मुकदमे की सुनवाई भी उनकी अनुपस्थिति में चौथी बार आयोजित की गई, जो देश की राजनीतिक और न्यायिक व्यवस्था की उथल-पुथल को दर्शाता है।