दलाई लामा का 90वां जन्मदिन: करुणा और शांति का संदेश
दलाई लामा का प्रेरणादायक संदेश
दलाई लामा का जन्मदिन: तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने अपने 90वें जन्मदिन के अवसर पर एक गहरा और प्रेरणादायक संदेश साझा किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि इस विशेष दिन पर तिब्बती समुदाय और उनके शुभचिंतकों ने इसे एक उत्सव की तरह मनाया है, जिसके लिए वे आभार व्यक्त करते हैं।
उन्होंने लिखा, “मैं एक साधारण बौद्ध भिक्षु हूं। आमतौर पर मैं जन्मदिन नहीं मनाता, लेकिन जब आप सभी इसे खास बना रहे हैं, तो मैं अपने कुछ विचार साझा करना चाहता हूं।”
दलाई लामा ने अपने संदेश में यह भी कहा कि केवल भौतिक विकास पर ध्यान केंद्रित करना पर्याप्त नहीं है। आज के समय में यह आवश्यक है कि हम न केवल अपने प्रियजनों के प्रति, बल्कि सभी के प्रति करुणा का भाव रखें। इसी सोच के साथ हम अपने भीतर शांति ला सकते हैं और दुनिया को बेहतर बना सकते हैं।
दलाई लामा की तीन प्रमुख प्रतिबद्धताएँ
1. मानवीय मूल्यों का प्रसार
2. धार्मिक सौहार्द को बढ़ावा देना
3. प्राचीन भारतीय ज्ञान और तिब्बती संस्कृति को प्रस्तुत करना
दलाई लामा का मानना है कि तिब्बती संस्कृति में करुणा और मानसिक शांति जैसे तत्व हैं, जो दुनिया को दुखों से मुक्त कर सकते हैं। इस विशेष अवसर पर उन्होंने कहा कि जब तक दुख है, तब तक मैं हूं।
अपने संदेश के अंत में, दलाई लामा ने भारतीय गुरु बुद्ध और शांतिदेव का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी शिक्षाओं से उन्हें साहस और संकल्प मिलता है। उन्होंने कहा, “जब तक यह ब्रह्मांड है, जब तक संवेदनशील जीव हैं, तब तक मैं दुनिया के दुखों को दूर करने के लिए प्रयासरत रहूंगा।”
उन्होंने अपने जन्मदिन को करुणा और शांति की भावना विकसित करने का अवसर बताने के लिए लोगों को धन्यवाद दिया। दलाई लामा का यह संदेश न केवल आध्यात्मिकता से भरा था, बल्कि यह हर व्यक्ति को जीवन की सच्ची दिशा की ओर प्रेरित करता है कि दूसरों के दुख को समझें और कम करने का प्रयास करें।