दिग्विजय सिंह की सोशल मीडिया पोस्ट ने कांग्रेस और भाजपा में मचाई हलचल
दिग्विजय सिंह की विवादास्पद पोस्ट
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने हाल ही में एक फोटो साझा की, जिसमें युवा नरेंद्र मोदी लालकृष्ण आडवाणी की कुर्सी के सामने बैठे हैं। इस तस्वीर के साथ उन्होंने यह संदेश दिया कि भाजपा में नीचे बैठने वाला व्यक्ति भी प्रधानमंत्री बन सकता है। यह पोस्ट जानबूझकर की गई थी, और इसके संभावित प्रभाव का उन्हें पूरा अंदाजा था। जब इस पर चर्चा शुरू हुई, तो उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य भाजपा के संगठन की प्रशंसा करना था और कांग्रेस की कमियों को उजागर करना था। लेकिन सवाल यह उठता है कि यदि उन्होंने कांग्रेस की कमजोरियों पर कार्य समिति की बैठक में चर्चा करने का निर्णय लिया था, तो पहले सोशल मीडिया पर ऐसी पोस्ट करने का क्या तात्पर्य था?
कांग्रेस कार्य समिति की बैठक
शनिवार को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक का आयोजन मनरेगा के स्थान पर विकसित भारत जी राम जी बिल के खिलाफ जन आंदोलन शुरू करने के लिए किया गया था। इस बैठक में यह तय किया गया कि पांच जनवरी से 'मनरेगा बचाओ आंदोलन' शुरू होगा। हालांकि, दिग्विजय सिंह ने बैठक में कांग्रेस संगठन की कमजोरियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पार्टी में सब कुछ केंद्रीकृत होता जा रहा है और प्रदेश अध्यक्ष के पास कोई अधिकार नहीं है। उनकी टिप्पणियों का मुख्य निशाना संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल थे, लेकिन यह भी स्पष्ट है कि राहुल गांधी भी इस चर्चा का हिस्सा थे।
भाजपा की प्रतिक्रिया
दिग्विजय सिंह की सोशल मीडिया पोस्ट ने कांग्रेस में हलचल मचा दी है, वहीं भाजपा में खुशी का माहौल है। भाजपा के नेता इस पोस्ट का उपयोग अपने नैरेटिव को मजबूत करने के लिए कर रहे हैं। नितिन नबीन के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद से भाजपा यह प्रचार कर रही है कि साधारण कार्यकर्ता भी प्रधानमंत्री बन सकता है। दिग्विजय सिंह की पोस्ट ने इस दावे को और भी मजबूत किया है। भाजपा के नेता, जो पहले दिग्विजय सिंह की आलोचना करते थे, अब उनकी उम्र और अनुभव का हवाला देकर कह रहे हैं कि यदि उन्हें ऐसा लगता है, तो यह सच में हो सकता है।