दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का शासन मॉडल: केजरीवाल की राह पर
रेखा गुप्ता का शासन मॉडल
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के शासन के तरीके को अपनाया है। केजरीवाल ने एक ऐसा शासन मॉडल विकसित किया, जिसे एक तरह का टेम्पलेट माना जा सकता है, और अब रेखा गुप्ता भी उसी पर चल रही हैं। इस टेम्पलेट की विशेषता यह है कि सरकार को वास्तव में कोई ठोस कार्य नहीं करना होता, बल्कि केवल काम करते हुए दिखना होता है। केजरीवाल ने इस तरीके को 10 वर्षों तक अपनाया, और अब रेखा गुप्ता पिछले छह महीनों से इसी दिशा में काम कर रही हैं। इस मॉडल का एक और पहलू यह है कि घोषणाओं की कमी नहीं होनी चाहिए और इसके प्रचार के लिए बड़े पैमाने पर विज्ञापन खर्च किए जाने चाहिए।
रेखा गुप्ता की सरकार ने इस मॉडल का पालन करते हुए छह महीने में सैकड़ों घोषणाएं की हैं। हर घोषणा के साथ मुख्यमंत्री की तस्वीरों वाले विज्ञापनों का प्रकाशन हुआ है, जिससे मीडिया में खबरें भी बनीं। हालांकि, जमीनी स्तर पर कोई ठोस कार्य नहीं हुआ है। उदाहरण के लिए, नालों की सफाई और बारिश के दौरान जलजमाव की समस्या को देखा जा सकता है। सरकार बनने के तुरंत बाद कहा गया था कि बरसात से पहले नालों की सफाई कर दी जाएगी, लेकिन बारिश शुरू होने पर स्थिति वही रही। इस साल बारिश और जलजमाव से संबंधित घटनाओं में दिल्ली में 110 लोगों की जान गई है। महिला सम्मान योजना की राशि का वितरण अभी तक शुरू नहीं हुआ है, प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों का मामला लटक गया है, और झुग्गियों के स्थान पर मकान देने की योजना का प्रचार जारी है। केजरीवाल की तरह रेखा गुप्ता के बंगले का विवाद भी सामने आया है, और अब उन्हें भी सार्वजनिक कार्यक्रम में हमले का सामना करना पड़ा है।