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दिल्ली की राजनीति के स्तंभ विजय कुमार मल्होत्रा का निधन: एक युग का अंत

Vijay Kumar Malhotra, a senior leader of the Bharatiya Janata Party and a significant figure in Delhi's political landscape, has passed away. His political journey began in 1967 and he played a crucial role in strengthening the BJP's roots in the capital. Known for his integrity and clean image, Malhotra served multiple terms as a Member of Parliament and was a candidate for Chief Minister in 2008. His historic victory over Dr. Manmohan Singh in the 1999 elections remains a highlight of his career. Malhotra's contributions to Delhi's political scene will be remembered for years to come.
 

विजय कुमार मल्होत्रा का राजनीतिक सफर

Vijay Kumar Malhotra: भारतीय जनता पार्टी के एक प्रमुख नेता और दिल्ली की राजनीति में महत्वपूर्ण हस्ताक्षर रहे विजय कुमार मल्होत्रा का निधन हो गया है। उनके राजनीतिक करियर ने दिल्ली में बीजेपी की नींव को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


राजनीतिक यात्रा की शुरुआत

राजनीतिक यात्रा की शुरुआत

विजय कुमार मल्होत्रा का जन्म 3 दिसंबर 1931 को लाहौर (तब के पंजाब प्रांत, ब्रिटिश भारत) में हुआ। शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने 1967 में मुख्य कार्यकारी पार्षद के रूप में राजनीति में कदम रखा, जो उनके सार्वजनिक जीवन का पहला महत्वपूर्ण कदम था।


जनसंघ से बीजेपी तक का सफर

जनसंघ से बीजेपी तक का सफर

मल्होत्रा का राजनीतिक जीवन जनसंघ के समय से अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे नेताओं के साथ जुड़ा रहा। वे 1972 से 1975 तक दिल्ली प्रदेश जनसंघ के अध्यक्ष रहे। आपातकाल के बाद जब जनता पार्टी का गठन हुआ और बाद में बीजेपी बनी, तब भी मल्होत्रा पार्टी के एक महत्वपूर्ण स्तंभ बने रहे। उन्होंने 1977 से 1980 और फिर 1980 से 1984 तक दो बार बीजेपी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाला। उनके नेतृत्व में पार्टी ने दिल्ली की राजनीति में अपनी पहचान बनाई।


सांसद और विधायक के रूप में योगदान

सांसद और विधायक के रूप में योगदान

विजय कुमार मल्होत्रा ने अपने लंबे राजनीतिक करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वे पांच बार सांसद और दो बार विधायक चुने गए। 2008 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्हें बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया, हालांकि उस समय पार्टी को सफलता नहीं मिली। फिर भी, उनकी ईमानदार छवि ने उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बनाए रखा।


मनमोहन सिंह को हराने वाली ऐतिहासिक जीत

मनमोहन सिंह को हराने वाली ऐतिहासिक जीत

1999 का आम चुनाव विजय कुमार मल्होत्रा के लिए एक ऐतिहासिक क्षण साबित हुआ। उन्होंने उस चुनाव में डॉ. मनमोहन सिंह को हराया, जो बाद में भारत के प्रधानमंत्री बने। इस मुकाबले में मल्होत्रा को 2,61,230 वोट मिले, जबकि मनमोहन सिंह को 2,31,231 वोट मिले। यह जीत लगभग 30 हजार मतों के अंतर से हुई और बीजेपी के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी गई।


दिल्ली बीजेपी की तिकड़ी में अहम भूमिका

दिल्ली बीजेपी की तिकड़ी में अहम भूमिका

दिल्ली में बीजेपी को मजबूत करने में विजय कुमार मल्होत्रा, केदारनाथ साहनी और मदनलाल खुराना की तिकड़ी की भूमिका को हमेशा याद किया जाएगा। इस तिकड़ी ने दिल्ली की राजनीति में बीजेपी को जमीनी स्तर पर मजबूती प्रदान की और संगठनात्मक विस्तार में योगदान दिया।


बेदाग और स्वच्छ छवि वाले नेता

बेदाग और स्वच्छ छवि वाले नेता

मल्होत्रा को हमेशा एक बेदाग और ईमानदार नेता के रूप में जाना गया। वे न केवल संगठन में लोकप्रिय थे, बल्कि विपक्ष और जनता में भी उनकी साफ-सुथरी छवि का सम्मान किया जाता था। राजनीति में रहते हुए उन्होंने सदैव नैतिकता और सादगी को प्राथमिकता दी।