दिल्ली के नए मुख्य सचिव बने राजीव वर्मा: जानें उनके प्रशासनिक सफर के बारे में
दिल्ली सरकार का नया मुख्य सचिव
दिल्ली के नए मुख्य सचिव राजीव वर्मा: दिल्ली सरकार ने रविवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए वरिष्ठ आईएएस अधिकारी राजीव वर्मा को दिल्ली का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया है। राजीव वर्मा 1992 बैच के AGMUT कैडर से हैं और वे 1 अक्टूबर 2025 से या अपनी नियुक्ति की तारीख से मुख्य सचिव का कार्यभार संभालेंगे। वे वर्तमान मुख्य सचिव धर्मेंद्र की जगह लेंगे, जो 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। यह स्थानांतरण गृह मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार किया गया है।
राजीव वर्मा का प्रशासनिक अनुभव
प्रशासनिक करियर:
राजीव वर्मा ने अपने 30 वर्षों के प्रशासनिक करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। इससे पहले, वे चंडीगढ़ के मुख्य सचिव के रूप में कार्यरत थे, जहां उन्होंने 29 जनवरी 2024 से अपनी जिम्मेदारी निभाई। चंडीगढ़ में मुख्य सचिव बनने से पहले, वे वहां के एडवाइजर टू द एडमिनिस्ट्रेटर और अतिरिक्त सचिव के पद पर भी कार्यरत थे। वे उत्तर प्रदेश के निवासी हैं और भारतीय प्रशासनिक सेवा के AGMUT कैडर से ताल्लुक रखते हैं.
दिल्ली सरकार में पूर्व अनुभव
दिल्ली प्रशासन में अनुभव:
राजीव वर्मा का दिल्ली प्रशासन में भी लंबा अनुभव रहा है। 2018 से 2022 तक, उन्होंने दिल्ली सरकार में वित्त और राजस्व सचिव के रूप में कार्य किया। इसके अलावा, उन्होंने दिल्ली के परिवहन विभाग में भी महत्वपूर्ण पदों पर कार्यभार संभाला है। राष्ट्रीय राजधानी के अन्य विभागों में सचिव और अतिरिक्त सचिव के पदों पर भी उनका अनुभव है.
केंद्रीय सरकार में योगदान
केंद्रीय मंत्रालयों में सेवाएं:
राजीव वर्मा ने केंद्रीय सरकार में भी कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों में सेवाएं दी हैं। वे रक्षा मंत्रालय, ऊर्जा मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय जैसे प्रमुख विभागों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उनकी तकनीकी योग्यता भी विशेष है, क्योंकि वे आईआईटी से एमटेक डिग्री धारक हैं, जो उनके प्रशासनिक कौशल को और बढ़ाता है.
नई भूमिका की चुनौतियाँ
नई जिम्मेदारियों की उम्मीदें:
राजीव वर्मा के दिल्ली के मुख्य सचिव बनने से प्रशासनिक स्तर पर नई ऊर्जा और अनुभव जुड़ने की उम्मीद जताई जा रही है। उनकी विशेषज्ञता और अनुभव दिल्ली सरकार के प्रशासनिक कार्यों को और अधिक प्रभावशाली और कुशल बनाने में सहायक होंगे। वे दिल्ली की तेजी से बदलती राजनीतिक और प्रशासनिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए काम करेंगे और नई योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.