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दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मिला नया सरकारी आवास, जानें इसके राजनीतिक मायने

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोधी एस्टेट में नया सरकारी आवास आवंटित किया गया है, जो उनके लिए एक बड़ी प्रतीकात्मक जीत है। एक साल की प्रतीक्षा और कानूनी लड़ाई के बाद, यह आवास उन्हें राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष के रूप में मिला है। जानें इस आवंटन के पीछे की कहानी, हाईकोर्ट की टिप्पणियाँ और इसके राजनीतिक महत्व के बारे में।
 

अरविंद केजरीवाल को मिला नया सरकारी आवास

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल: एक साल की लंबी प्रतीक्षा, कई पत्रों का आदान-प्रदान और दिल्ली हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणियों के बाद, आम आदमी पार्टी के संयोजक को लोधी एस्टेट में नया सरकारी आवास आवंटित किया गया है। यह आवास उन्हें राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष के रूप में दिया गया है, जिसे राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अब 95 नंबर बंगला आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संगठन और आगामी चुनावी रणनीतियों का केंद्र बनेगा। यह निर्णय केजरीवाल के लिए एक बड़ी प्रतीकात्मक जीत भी है।


एक साल का इंतजार और कानूनी संघर्ष

मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद, अरविंद केजरीवाल को लगभग एक साल तक सरकारी आवास नहीं मिला। कई बार आवेदन करने और पत्राचार करने के बावजूद जब कोई समाधान नहीं निकला, तो उन्होंने मार्च 2025 में दिल्ली हाईकोर्ट का सहारा लिया।


याचिका में केजरीवाल का तर्क

केजरीवाल ने अपनी याचिका में कहा कि एक राष्ट्रीय पार्टी के प्रमुख के रूप में उन्हें सरकारी आवास का अधिकार है, लेकिन केंद्र सरकार जानबूझकर आवंटन में देरी कर रही है। केंद्र ने कोर्ट को बताया कि उपयुक्त आवास की खोज जारी है, लेकिन अप्रैल, जून और अगस्त 2025 की सुनवाइयों में भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।


हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी और आदेश

सितंबर 2025 में सुनवाई के दौरान, दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा, 'एक निर्वाचित राष्ट्रीय पार्टी के प्रमुख को एक साल बाद भी सरकारी आवास न देना प्रशासनिक असंवेदनशीलता का उदाहरण है।' कोर्ट ने केंद्र को 10 दिन के भीतर केजरीवाल को उपयुक्त सरकारी आवास आवंटित करने का आदेश दिया।


लोधी एस्टेट का 95 नंबर बंगला

अदालत के आदेश का पालन करते हुए, केंद्र सरकार ने अब लोधी एस्टेट में 95 नंबर बंगला अरविंद केजरीवाल को आवंटित कर दिया है। यह क्षेत्र दिल्ली के सबसे प्रतिष्ठित वीवीआईपी ज़ोन में से एक है, जहां केंद्रीय मंत्री, सुप्रीम कोर्ट के जज और अन्य शीर्ष अधिकारी निवास करते हैं।


राजनीतिक महत्व और भविष्य की रणनीति

यह आवंटन केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि इसे राजनीतिक दृष्टिकोण से भी एक बड़ी प्रतीकात्मक जीत माना जा रहा है। अब अरविंद केजरीवाल यहीं से पार्टी के राष्ट्रीय विस्तार, संगठनात्मक गतिविधियों और आगामी चुनावों की तैयारियों को तेज करेंगे।


जल्द होगा गृहप्रवेश

सूत्रों के अनुसार, अरविंद केजरीवाल जल्द ही अपने नए सरकारी आवास में शिफ्ट होंगे। यह आवास आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय और रणनीतिक विमर्श केंद्र के रूप में भी कार्य करेगा।