दिल्ली बम धमाके की जांच: अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर कार्रवाई
जांच एजेंसियों ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर कसा शिकंजा
फरीदाबाद में स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर जांच एजेंसियों ने कड़ी कार्रवाई की है। डॉ. निसार उल हसन की पत्नी और उनकी बेटी को यूनिवर्सिटी परिसर में हाउस अरेस्ट किया गया है। इसके अलावा, 10 एमबीबीएस छात्रों के मोबाइल फोन भी जब्त कर लिए गए हैं। इन मोबाइल्स की कॉल डिटेल रिकॉर्डिंग और अन्य डेटा की जांच की जा रही है।
एनआईए की जांच में नए खुलासे
एनआईए की जांच में यह सामने आया है कि यह व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल पिछले दो वर्षों से सक्रिय था। फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से मिली डॉ. उमर की 150 पेज की डायरी में कई महत्वपूर्ण संदेश पाए गए हैं। इन संदेशों को समझने के लिए फोरेंसिक लैब में क्रिप्टोग्राफिक विशेषज्ञों द्वारा जांच की जा रही है।
यूनिवर्सिटी कैंपस में तलाशी अभियान
जांच अधिकारियों ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी के हॉस्टल और आसपास के रिहायशी इलाकों की तलाशी ली है। इसके साथ ही, सोमवार से अन्य कोर्स के छात्रों और शिक्षकों के घरों में भी तलाशी शुरू की गई है।
एनआईए ने यूनिवर्सिटी के रिकॉर्ड की मांग की
एनआईए ने 2019 से यूनिवर्सिटी के सभी रिकॉर्ड, भर्ती, हाजिरी, सैलरी और पहचान पत्र की जानकारी मांगी है। इसमें कश्मीरी डॉक्टरों के नौकरी से संबंधित दस्तावेज भी शामिल हैं।
डॉ. नासिर हसन की गिरफ्तारी
डॉ. नासिर हसन, जो अल-फलाह यूनिवर्सिटी में मेडिसन विभाग के प्रोफेसर हैं, को पश्चिमी बंगाल से गिरफ्तार किया गया था। वह दिल्ली में हुए बम धमाके के संदिग्धों के संपर्क में थे।
डॉ. निसार की बर्खास्तगी
जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि डॉ. निसार पहले से ही इस आतंकी नेटवर्क का हिस्सा थे। उन्हें 2023 में जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा बर्खास्त किया गया था।
एमबीबीएस छात्रों से पूछताछ
जांच एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, कई एमबीबीएस छात्रों और इंटर्न से पूछताछ की जा रही है। सभी के मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं।