दिल्ली में 44वें इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में तालिबान मंत्री की उपस्थिति
दिल्ली में इंटरनेशनल ट्रेड फेयर की शुरुआत
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में 44वें इंटरनेशनल ट्रेड फेयर का आयोजन हो रहा है, जिसमें आम जनता के लिए 19 नवंबर से प्रवेश खुल गया है। इस मेले में रोजाना बड़ी संख्या में दर्शक आ रहे हैं। यह मेला 27 नवंबर तक चलेगा और इसमें 12 देशों के साथ-साथ 30 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भी भाग ले रहे हैं। एक दशक बाद, यहां रक्षा मंडप भी स्थापित किया गया है, जहां आधुनिक हथियारों के साथ प्रशिक्षित कुत्तों के करतब भी प्रदर्शित किए जाएंगे।
तालिबान मंत्री का भारत दौरा
तालिबान के वाणिज्य मंत्री नूरुद्दीन अजी का भारत दौरा चर्चा का विषय बना हुआ है। वह पांच दिनों के लिए भारत आए हैं, जहां उनका मुख्य उद्देश्य भारत और अफगानिस्तान के व्यापारिक संबंधों को मजबूत करना है। अपने दौरे की शुरुआत में, उन्होंने इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर का दौरा किया और वहां कई स्टॉल्स का अवलोकन किया। उन्होंने भारत में मौजूद अफगान कारोबारियों के साथ बाजार की संभावनाओं पर चर्चा की। यह तालिबान के किसी मंत्री का भारत में पहला दौरा है, क्योंकि 2021 के बाद से अफगानिस्तान का कोई बड़ा प्रतिनिधि इस फेयर में शामिल नहीं हुआ था।
पाकिस्तान पर निर्भरता कम करने की कोशिश
पाकिस्तान के साथ सीमा पर झड़पों के कारण, उसने कई बार अपनी सीमाएं बंद की हैं, जिससे अफगानिस्तान के फलों और अन्य निर्यात को नुकसान हुआ है। इस स्थिति को देखते हुए, अफगानिस्तान अब भारत के साथ व्यापार बढ़ाने पर जोर दे रहा है। नूरुद्दीन अजी का भारत आना और इस बड़े ट्रेड फेयर में भाग लेना पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है। यह संकेत देता है कि अफगानिस्तान नए विकल्पों की तलाश कर रहा है और भारत उसकी मदद के लिए आगे बढ़ रहा है।
भारत और अफगानिस्तान के संबंधों में मजबूती
अफगानिस्तान के मंत्रियों का भारत दौरा यह दर्शाता है कि दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं। भारत के ट्रेड फेयर में तालिबान के वाणिज्य मंत्री की उपस्थिति न केवल आर्थिक रिश्तों को दर्शाती है, बल्कि यह पाकिस्तान को भी एक स्पष्ट संदेश देती है कि अफगानिस्तान अब व्यापार के लिए केवल पाकिस्तान पर निर्भर नहीं है। वह वैकल्पिक साझेदारों की ओर बढ़ रहा है।