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दिल्ली में रिश्वत लेते पुलिस इंस्पेक्टर और फर्जी वकील गिरफ्तार

दिल्ली में एक पुलिस इंस्पेक्टर और एक फर्जी वकील को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है। ग्रेटर कैलाश थाने के इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह यादव पर आरोप है कि उन्होंने एक महिला से 30 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। विजिलेंस टीम ने शिकायत के बाद कार्रवाई करते हुए धर्मवीर नामक फर्जी वकील को रंगे हाथों पकड़ा। जांच में पता चला कि धर्मवीर एक पंजीकृत वकील नहीं है। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और वे पुलिस हिरासत में हैं।
 

पुलिस और वकील की गिरफ्तारी

विजिलेंस शाखा ने की कार्रवाई: दिल्ली की पुलिस ने एक बार फिर रिश्वत लेते हुए एक इंस्पेक्टर और एक फर्जी वकील को गिरफ्तार किया है। ग्रेटर कैलाश थाने के इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह यादव और धर्मवीर नामक एक व्यक्ति, जो खुद को वकील बताता था, को 1 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया।


एक महिला ने शिकायत की थी कि इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह यादव, जो ग्रेटर कैलाश-1 थाने में एटीओ के पद पर कार्यरत हैं, उनसे और उनके पति के खिलाफ एक मामले में मदद के लिए रिश्वत मांग रहे थे। प्रारंभिक बातचीत में रिश्वत की राशि 30 लाख रुपये तय की गई थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि इंस्पेक्टर यादव ने उन्हें धर्मवीर को पैसे देने के लिए कहा था।


जाल बिछाकर की गई गिरफ्तारी

महिला की शिकायत के बाद, दिल्ली पुलिस की विजिलेंस टीम ने तुरंत एक टीम का गठन किया और एक जाल बिछाया। धर्मवीर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया और उसके पास से पैसे बरामद किए गए। इसके बाद इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह यादव को भी गिरफ्तार किया गया।


फर्जी वकील का खुलासा

जांच के दौरान यह पता चला कि धर्मवीर एक पंजीकृत वकील नहीं है और उसने गलत तरीके से खुद को वकील बताया था। इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता के तहत FIR दर्ज की गई है। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और वे फिलहाल एक दिन की पुलिस हिरासत में हैं।


पिछली गिरफ्तारी का मामला

पिछले अप्रैल में, दिल्ली विजिलेंस टीम ने पुलिस के एएसआई सुदेश को 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। बताया गया कि वह उच्च अधिकारियों के निर्देश पर रिश्वत लेने गए थे, जहां विजिलेंस टीम ने उन्हें पकड़ लिया। यह रिश्वत एक रिटायर इंस्पेक्टर ने अपने घर की मरम्मत के लिए मांगी थी।