दीपक प्रकाश बने बिहार के नए मंत्री, चुनाव बिना लड़े मिली जिम्मेदारी
बिहार में नई सरकार का गठन
दीपक प्रकाश बने मंत्री: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए ने 202 सीटें जीतकर नई सरकार का गठन किया है। पीएम नरेंद्र मोदी, कई केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति में नीतीश कुमार ने गुरुवार को रिकॉर्ड 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इस अवसर पर 26 मंत्रियों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली। इस बीच, बिना चुनाव लड़े मंत्री बनने वाले दीपक प्रकाश चर्चा का विषय बने हुए हैं, जो आरएलएम के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के पुत्र हैं।
दरअसल, चुनाव से पहले एनडीए में सीटों के बंटवारे के तहत उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को छह सीटें मिली थीं, लेकिन कुशवाहा इस बंटवारे से असंतुष्ट थे और महुआ सीट पर अपने दावे को छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे। कुशवाहा अपने बेटे को महुआ सीट से लड़ाना चाहते थे, जिसके लिए उन्होंने दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इसके बाद आरएलएम ने अपना दावा छोड़ दिया, और कहा गया कि अमित शाह ने उन्हें एक एमएलसी सीट देने का आश्वासन दिया था। इस समझौते के बाद कुशवाहा की नाराजगी समाप्त हो गई।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि आरएलएम प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा बिहार में अपने ‘लव-कुश’ समीकरण के लिए प्रसिद्ध हैं। ओबीसी कुर्मी समुदाय और ओबीसी कुशवाहा (कोइरी) समूह को एक साथ ‘लव-कुश’ कहा जाता है, जिनकी राज्य में अच्छी-खासी जनसंख्या है। इसलिए भाजपा उपेंद्र कुशवाहा को नाराज नहीं करना चाहती थी। आरएलएम ने चुनाव में छह में से चार सीटों पर जीत हासिल की, लेकिन पार्टी ने अपने जीते हुए विधायकों की बजाय कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश का नाम मंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया। उन्हें इस पद पर बने रहने के लिए अगले छह महीने में विधान परिषद या विधानसभा का सदस्य बनना होगा।