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नागपुर-गोवा शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे: विकास की नई राह

नागपुर-गोवा शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य शुरू हो गया है, जो 12 जिलों को सीधे लाभ पहुंचाएगा। इस परियोजना के तहत 370 गांवों से भूमि अधिग्रहण किया जाएगा, जिससे पर्यटन और व्यापार में वृद्धि की उम्मीद है। यह एक्सप्रेसवे धार्मिक स्थलों तक पहुंच को आसान बनाएगा और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करेगा। जानें इस परियोजना की प्रगति और इसके संभावित लाभों के बारे में।
 

नागपुर-गोवा शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे

Nagpur-Goa Shaktipeeth Expressway: नागपुर-गोवा शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है। इसके लिए उन गांवों का सर्वेक्षण किया जा रहा है, जिनसे यह एक्सप्रेसवे गुजरेगा। इस परियोजना से 12 जिलों को सीधा लाभ होगा, जिसमें कुल 370 गांवों से भूमि अधिग्रहण किया जाएगा। मुआवजे की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, साथ ही व्यापार में भी तेजी आएगी, क्योंकि यह विभिन्न राज्यों को जोड़ने में सहायक होगा। इससे यात्रा में तेजी आएगी, जिससे हर गांव और जिले का विकास संभव होगा।


धार्मिक स्थलों की कनेक्टिविटी

यह एक्सप्रेसवे विशेष रूप से धार्मिक स्थलों तक पहुंच को सरल बनाने के लिए बनाया जा रहा है। इसके निर्माण से कोंकड़, विदर्भ क्षेत्र और मराठवाड़ा को सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी। रिपोर्टों के अनुसार, यह कोंकड़ से होते हुए गोवा तक पहुंच को सुगम बनाएगा।


निर्माण की प्रगति

इस एक्सप्रेसवे के लिए लगभग 370 गांवों की सूची तैयार की गई है। ताजा जानकारी के अनुसार, 110 गांवों की भूमि का मापन किया जा चुका है। यह मार्ग इन गांवों से होकर गुजरेगा।


ग्रामीण विकास में योगदान

रिपोर्टों के अनुसार, यह एक्सप्रेसवे 12 जिलों और 39 तालुकाओं से होकर गुजरेगा। सितंबर तक बाकी गांवों की भूमि का मापन भी किया जाएगा। इसके बाद, जिन किसानों से भूमि ली जाएगी, उन्हें मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस परियोजना से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और कनेक्टिविटी में सुधार होगा।