नेपाल की नई अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की की चुनौतियाँ और प्राथमिकताएँ
सुशीला कार्की का पदभार ग्रहण
काठमांडू। नेपाल में हाल के दिनों में राजनीतिक उठापटक के बीच, सुशीला कार्की ने अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यभार को संभाल लिया है। उनके सामने कई महत्वपूर्ण चुनौतियाँ हैं, और रविवार को वह अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने की योजना बना रही हैं। इस संबंध में, वह अपने सहयोगियों के साथ मंत्रियों के नामों पर चर्चा कर रही हैं।
राजनीतिक बयान और प्राथमिकताएँ
हालांकि, उनके एक बयान ने राजनीतिक हलचल को और बढ़ा दिया है। सुशीला कार्की ने कहा कि बर्बरता की घटनाओं में शामिल व्यक्तियों की जांच की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी टीम सत्ता का स्वाद चखने नहीं आई है और वे छह महीने से अधिक समय तक नहीं रुकेंगी। उनका उद्देश्य नई संसद को जिम्मेदारी सौंपना है। उन्होंने कहा कि नेपाल में 24 घंटे की आवाजाही उनकी प्राथमिकता है, और वे आर्थिक समानता और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की मांग कर रहे हैं।
मंत्रिमंडल विस्तार और अस्पताल दौरा
सूत्रों के अनुसार, सुशीला कार्की महत्वपूर्ण मंत्रालयों जैसे गृह, विदेश और रक्षा विभाग अपने पास रख सकती हैं। मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चाओं के बीच, उन्होंने शनिवार को सिविल अस्पताल जाकर सरकार विरोधी प्रदर्शनों में घायल हुए लोगों से मुलाकात की। शपथ लेने के तुरंत बाद भी, उन्होंने अस्पताल जाकर घायलों का हालचाल लिया।
सीमा पर सामान्य स्थिति की बहाली
प्रधानमंत्री बनने के बाद, सुशीला कार्की ने स्थिति को सामान्य करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। नेपाल-भारत सीमा को आम लोगों के लिए खोल दिया गया है, जिससे छोटे वाहन आधार कार्ड दिखाकर सीमा पार कर सकते हैं। हालांकि, बड़ी गाड़ियों की आवाजाही अभी भी बंद है, क्योंकि भंडार कार्यालय में आग लगने के कारण कागजी काम और टैक्स वसूली संभव नहीं हो पा रही है।