नेपाल में छात्रों के प्रदर्शनों में हिंसा का उभार
नेपाल में प्रदर्शनों की स्थिति
नेपाल में प्रदर्शनों का उभार: नेपाल में छात्रों और युवा पीढ़ी के प्रदर्शनों ने हिंसक रूप धारण कर लिया है, जिससे देश में अराजकता और आग का माहौल बन गया है। आश्चर्य की बात यह है कि प्रदर्शनकारी खुद इस हिंसा से चकित हैं। नेपाल के युवा संगठनों ने आगजनी और नेताओं पर हमलों से खुद को अलग करते हुए कहा है कि यह सब बाहरी तत्वों का काम है।
आंदोलन की शुरुआत
भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ शुरू हुआ यह आंदोलन, बांग्लादेश की तरह हाईजैक हो गया। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बावजूद, हिंसा और आगजनी का सिलसिला दो दिनों तक जारी रहा।
हिंसक आंदोलन का विकास
कैसे शुरू हुआ हिंसक आंदोलन
सोमवार को प्रारंभ हुआ युवा-नेतृत्व वाला आंदोलन जवाबदेही की मांग से शुरू हुआ, लेकिन यह जल्दी ही आगजनी, तोड़फोड़ और नेताओं के खिलाफ हिंसा में बदल गया। संसद भवन, मंत्रालयों का परिसर और ओली का निजी आवास आग के हवाले कर दिया गया।
पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी का निधन
पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी की मौत
काठमांडू हवाई अड्डा भी पास की आगजनी के कारण बंद करना पड़ा। पूर्व प्रधानमंत्री झलनाथ खनाल की पत्नी राजलक्ष्मी चित्रकार की उनके आवास पर आगजनी के बाद जलने से मृत्यु हो गई। पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई ने चेतावनी दी, "शायद यह क्रांति अब प्रतिक्रांति में बदल रही है। मैंने पहले ही चेताया था कि भेड़ की खाल में भेड़ियों से सावधान रहें! लोकतंत्र के मुख्य स्तंभों को कौन जानबूझकर आग लगा रहा है? उनका मकसद क्या हो सकता है?"
Gen-Z का बयान
हिंसा को लेकर क्या बोले Gen-Z
नेपाल के युवा समूह जैसे Gen-Z नेपाल और हामी नेपाल ने हिंसा से खुद को अलग करते हुए बयान जारी किए। Gen-Z नेपाल ने कहा, "हम, Gen-Z प्रदर्शनकारी, प्रदर्शन स्थलों से हट गए हैं और नागरिकों की सुरक्षा व सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा के लिए जमीनी स्तर पर मदद कर रहे हैं।" उन्होंने चेतावनी दी, "हमारा आंदोलन अवसरवादियों या राजनीतिक दलों के सदस्यों का स्वागत नहीं करता, जो हमारे उद्देश्य को हाईजैक करने की कोशिश कर रहे हैं। हमें पहले उनकी जरूरत नहीं थी, और अब भी नहीं है।" उन्होंने कहा, "यह विनाश हमारा नहीं है। यह Gen-Z नहीं है। हम पुनर्निर्माण के लिए हैं, न कि विनाश के लिए।"
बाहरी तत्वों का आरोप
घुसपैठियों ने जलाया नेपाल
प्रदर्शनकारी दावा करते हैं कि बाहरी तत्वों ने आंदोलन में घुसपैठ की है। उन्होंने नाखू जेल तोड़ने और पूर्व उप-प्रधानमंत्री रवि लामिछाने से संबंधित घटनाओं से भी खुद को अलग किया, जो करोड़ों रुपए के सहकारी घोटाले के आरोप में जेल में थे। जेल तोड़ने की घटना में दर्जनों कैदी भाग निकले।