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नेपाल में नई अंतरिम सरकार का गठन, स्थिरता की उम्मीद

नेपाल की राजनीति में एक नया मोड़ आया है, जहां प्रधानमंत्री सुशीला कार्की के नेतृत्व में नई अंतरिम सरकार का गठन हो रहा है। चार प्रमुख मंत्रालयों के लिए नाम तय कर लिए गए हैं, और शपथ ग्रहण समारोह 15 सितंबर को होने की संभावना है। इस नई सरकार में शामिल मंत्रियों की छवि साफ-सुथरी है, जिससे नेपाल में स्थिरता आने की उम्मीद जताई जा रही है। जानें इस नई सरकार के मंत्रियों और उनके कार्यभार के बारे में विस्तार से।
 

नेपाल की नई सरकार का गठन

नेपाल कैबिनेट: नेपाल की राजनीतिक अस्थिरता के बीच, अब नई अंतरिम सरकार का गठन हो रहा है। प्रधानमंत्री सुशीला कार्की के नेतृत्व में मंत्रिमंडल का गठन तेजी से प्रगति कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, चार प्रमुख मंत्रालयों के लिए नाम तय कर लिए गए हैं और शपथ ग्रहण समारोह 15 सितंबर को आयोजित होने की संभावना है।


मंत्रियों की नियुक्तियां

गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील ओमप्रकाश अर्याल को सौंपी गई है, जो अपनी छवि और भ्रष्टाचार विरोधी याचिकाओं के लिए जाने जाते हैं। वित्त मंत्रालय का पद पूर्व वित्त सचिव रामेश्वर खनाल को मिला है, जो आर्थिक सुधार और विदेशी निवेश के समर्थक माने जाते हैं।


ऊर्जा एवं रक्षा मंत्रालय

ऊर्जा एवं रक्षा मंत्रालय

ऊर्जा मंत्रालय का कार्यभार कुलमान घीसिंग को सौंपा गया है, जिन्होंने नेपाल में लोडशेडिंग समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल बालानंद शर्मा को दी गई है, जो माओवादी लड़ाकों को सेना में शामिल कराने की प्रक्रिया के लिए जाने जाते हैं।


युवा और खेलकूद मंत्रालय

युवा और खेलकूद मंत्रालय

पूर्व क्रिकेट कप्तान पारस खड़का को युवा और खेलकूद मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया है। खड़का युवाओं में लोकप्रिय हैं और उनकी उपस्थिति से सरकार को नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद है।


फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर और यातायात मंत्रालय

फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर और यातायात मंत्रालय

उद्योगपति असीम मान सिंह बस्नेत को फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर और यातायात मंत्रालय का कार्यभार सौंपा जा सकता है। बस्नेत "Pathao" ऐप के संस्थापक हैं और नेपाल के बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने की क्षमता रखते हैं।


नेपाल की राजनीति में बदलाव

नेपाल की राजनीति में बड़ा बदलाव

यह कदम नेपाल की राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है। हाल ही में भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों और GEN-Z आंदोलन के दबाव में पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने संसद भंग कर दी और मार्च 2026 तक चुनाव कराने का ऐलान किया।


स्थिरता की उम्मीद

नेपाल में स्थिरता आने की उम्मीद

सुशीला कार्की ने 12 सितंबर को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, जिसके बाद नए मंत्रिमंडल के गठन की प्रक्रिया तेज हो गई। कार्की ने अपने मंत्रिमंडल में ऐसे व्यक्तियों को शामिल किया है जिनकी छवि साफ है और जिनके पास अपने-अपने क्षेत्र में व्यापक अनुभव है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस टीम से नेपाल में स्थिरता आने की संभावना है और जनता का भरोसा भी बढ़ेगा।