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नेपाल में युवा आंदोलन ने लिया हिंसक मोड़, सेना ने संभाली कमान

नेपाल में युवाओं का आंदोलन मंगलवार को हिंसक बगावत में बदल गया, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन को आग के हवाले कर दिया। पुलिस की फायरिंग में 19 लोगों की मौत के बाद स्थिति और बिगड़ गई। सेना ने काठमांडू में महत्वपूर्ण स्थानों का नियंत्रण संभाल लिया है, जबकि भारत ने नेपाल सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी है। जानें इस घटनाक्रम के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।
 

नेपाल में आंदोलन की स्थिति

नई दिल्ली: नेपाल में युवाओं द्वारा शुरू किया गया आंदोलन मंगलवार को अचानक हिंसक बगावत में बदल गया। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन में आग लगा दी और सरकारी इमारतों, नेताओं के आवासों, तथा पशुपतिनाथ मंदिर के फाटक पर भी हमले किए। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सेना को तैनात करना पड़ा।


पुलिस फायरिंग के बाद भड़का गुस्सा

सोमवार को पुलिस की फायरिंग में 19 लोगों की मौत के बाद लोगों का गुस्सा और बढ़ गया। अगले दिन, प्रदर्शनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा पर हमला किया, और पूर्व पीएम झलनाथ खनाल की पत्नी राजलक्ष्मी चित्रकार को सड़क पर जिंदा जला दिया गया। इस बीच, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन सड़कों पर हिंसा जारी रही।


सेना ने स्थिति संभाली

सेना ने संभाली कमान
सेना ने काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और सिंहदरबार जैसे महत्वपूर्ण स्थानों का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया। सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल ने एक वीडियो संदेश में शांति की अपील की और मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने भी बातचीत के माध्यम से समस्या का समाधान निकालने की अपील की, लेकिन स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है।


भारत में सुरक्षा बढ़ाई गई

भारत में हाई अलर्ट
नेपाल में हो रही अशांति का असर भारत पर भी पड़ रहा है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नेपाल सीमा पर सुरक्षा को कड़ा करने के निर्देश दिए हैं। चंपावत, पिथौरागढ़ और उधम सिंह नगर में एसएसबी और पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। काठमांडू हवाई अड्डे पर फंसे 39 कर्नाटकवासियों की सुरक्षित वापसी के लिए मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने केंद्र से सहायता मांगी है।