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नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सुरक्षा में CISF की नई पहल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 अक्टूबर को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे, जिसके बाद CISF सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेगा। एयरपोर्ट की सुरक्षा को सख्त किया जाएगा, जिसमें आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा। सुरक्षा व्यवस्था को तीन स्तरों में विभाजित किया जाएगा, और यात्रियों की सुरक्षा के लिए विशेष थाने स्थापित किए जाएंगे। जानें इस एयरपोर्ट की सुरक्षा के चार महत्वपूर्ण चरण और भविष्य की योजनाएँ।
 

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 अक्टूबर को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद, एयरपोर्ट की सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को सौंपी जाएगी। नोएडा एयरपोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था को अत्यधिक सख्त किया जाएगा। यह महत्वपूर्ण बदलाव नवरात्र के पहले दिन, यानी सोमवार से शुरू होगा, जब CISF अपने अभियान की शुरुआत करेगा।


CISF की सुरक्षा तैयारियाँ

एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए CISF ने पहले से ही अपनी तैयारियाँ पूरी कर ली हैं। एयरपोर्ट के हर हिस्से की गहन जांच की जाएगी और यात्रियों के आने-जाने के नियमों को कड़ा किया जाएगा। गृह मंत्रालय ने इसके लिए 1030 CISF जवानों की नियुक्ति को मंजूरी दी है। यात्रियों की बढ़ती संख्या के साथ सुरक्षा कर्मियों की तैनाती भी बढ़ाई जाएगी। इस एयरपोर्ट की सुरक्षा में विशेष रूप से आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जैसे कि रोबोटिक सिस्टम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस CCTV कैमरे और बख्तरबंद SUV।


तीन स्तरों में सुरक्षा व्यवस्था

तीन स्तरों में होगी एयरपोर्ट की सुरक्षा

नोएडा एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था को तीन स्तरों में विभाजित किया जाएगा। पहले स्तर पर CISF के जवान तैनात होंगे, जो रनवे, टर्मिनल और मुख्य गेट की सुरक्षा देखेंगे। दूसरे स्तर पर एयरपोर्ट के निजी सुरक्षा कर्मी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे, जबकि बाहरी घेरे की सुरक्षा प्रदेश पुलिस के पास होगी। इन तीनों स्तरों के तहत सुरक्षा का समन्वय किया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी प्रकार की सुरक्षा चूक न हो।


थानों की स्थापना

दो थानों की स्थापना

एयरपोर्ट के अंदर अंतरराष्ट्रीय और घरेलू यात्रियों के लिए दो अलग-अलग थानों की स्थापना की जा रही है। अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की सुरक्षा और वीवीआईपी लोगों की यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए एक थाना विशेष रूप से स्थापित किया जा रहा है। वहीं, घरेलू यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक अन्य थाना होगा, जिसमें प्रदेश पुलिस के 75 अधिकारी और जवान तैनात किए जाएंगे।


आधुनिक सुरक्षा उपकरण

आधुनिक तकनीक से लैस सुरक्षा उपकरण

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा। एयरपोर्ट में मार्क्समैन बख्तरबंद एसयूवी तैनात की जाएगी, जो बी-6 स्तर की बैलिस्टिक सुरक्षा से लैस होंगी। इसके अलावा, अत्याधुनिक रोबोटिक सिस्टम और बम निष्क्रिय करने के लिए मिनी रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल का भी इस्तेमाल होगा, जो भारत में निर्मित है और बमों का पता लगाने और उन्हें निष्क्रिय करने में सक्षम है।


सुरक्षा के चार महत्वपूर्ण चरण

सुरक्षा के चार अहम चरण

  • यात्रियों की सघन जांच
  • बैगेज की जांच
  • एयरलाइंस कर्मियों और अन्य स्टाफ की जांच
  • CCTV कैमरों और अत्याधुनिक उपकरणों से निगरानी


भविष्य की सुरक्षा योजनाएँ

भविष्य में बढ़ेगी सुरक्षा

नोएडा एयरपोर्ट को देश के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के रूप में विकसित किया जा रहा है। जब इसका विस्तार पूरा होगा, तो यहां पांच रनवे होंगे। इस एयरपोर्ट की यात्री क्षमता 1.2 करोड़ से बढ़कर सात करोड़ सालाना तक पहुंचने का अनुमान है, जिसके साथ सुरक्षा कर्मियों की संख्या में भी वृद्धि होगी।