न्यू जर्सी में भारतीय डॉक्टर पर गंभीर आरोप: नशे की दवाएं और यौन शोषण के मामले
डॉक्टर रितेश कालरा पर लगे गंभीर आरोप
न्यू जर्सी, अमेरिका से एक चौंकाने वाली खबर आई है, जिसमें भारतीय मूल के चिकित्सक रितेश कालरा पर नशे की दवाएं देने, फर्जी बिल बनाने और महिला मरीजों से यौन संबंध की मांग करने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। 51 वर्षीय डॉक्टर के खिलाफ अमेरिकी फेडरल कोर्ट में पांच गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्हें कोर्ट में पेश होने के बाद एक लाख डॉलर के बॉंड पर हाउस अरेस्ट में रखा गया है।
डॉ. कालरा का पेशेवर बैकग्राउंड
डॉ. रितेश कालरा एक इंटरनिस्ट हैं, जो न्यू जर्सी के फेयर लॉ क्षेत्र में चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रहे थे। उन्होंने अपनी मेडिकल शिक्षा पोलैंड के Medical University of Silesia in Zabrze से प्राप्त की थी और पिछले दो दशकों से वे प्राइमरी हेल्थकेयर और इंटरनल मेडिसिन में कार्यरत थे।
मुख्य आरोपों की जानकारी
अमेरिकी अटॉर्नी अलीना हबा के अनुसार, डॉ. कालरा पर पांच अलग-अलग मामलों में आरोप हैं, जिनमें से तीन 'अनधिकृत रूप से नियंत्रित पदार्थों के वितरण' और दो 'हेल्थकेयर फ्रॉड' से संबंधित हैं। उन्होंने झूठे काउंसलिंग सेशंस के नाम पर फर्जी बिलिंग की और दवाएं देने के बदले महिला मरीजों से यौन संबंध की मांग की।
यौन शोषण के आरोप
अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय के अनुसार, डॉ. कालरा ने मरीजों को ऑक्सीकोडोन और प्रोमेथाज़ीन विद कोडीन जैसी नशे की दवाएं दीं, जिनका उपयोग आमतौर पर ड्रग एब्यूज के लिए किया जाता है। उनके पूर्व कर्मचारियों ने बताया कि कई महिला मरीजों ने आरोप लगाया कि डॉक्टर ने उन्हें गलत तरीके से छुआ और यौन फेवर की मांग की।
गैंगरेप जैसे आरोप
एक पीड़िता ने दावा किया कि डॉक्टर ने उसके साथ कई बार क्लिनिक में बलात्कार किया। एक अन्य मरीज को जेल में रहते हुए भी नशे की दवाएं मिलती रहीं, जबकि उस समय डॉक्टर से उसका कोई संपर्क नहीं था। अमेरिकी अटॉर्नी के अनुसार, डॉक्टर ने मरीजों के नाम पर झूठे काउंसलिंग सेशन बिल किए और उनसे कभी मुलाकात नहीं की।
संभावित सजा
यदि ओपिओइड वितरण का दोष सिद्ध होता है, तो डॉक्टर को 20 साल तक की जेल और 1 मिलियन डॉलर तक का जुर्माना हो सकता है। हेल्थकेयर फ्रॉड के मामलों में 10 साल की जेल और $250,000 का जुर्माना भी हो सकता है। डॉ. कालरा को हाल ही में नेवार्क की फेडरल कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्होंने आरोपों से इनकार किया। उनके वकील ने कहा कि सरकारी प्रेस रिलीज एक टैब्लॉइड की तरह लगती है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई तक डॉक्टर की प्रैक्टिस पर रोक लगा दी है।