×

पंजाब के मुख्यमंत्री ने राज्य की उपलब्धियों और विकास की दिशा में उठाए कदमों पर प्रकाश डाला

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने राज्य की भूमि और लोगों के बलिदानों की सराहना की। उन्होंने व्यवसायियों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए पंजाब की उपलब्धियों पर गर्व व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने औद्योगिक सुधारों और सिंगल विंडो प्रणाली के माध्यम से व्यापार को सुगम बनाने की योजनाओं की जानकारी दी। जानें पंजाब की प्रगति के लिए उनके विचार और योजनाएं।
 

पंजाब की भूमि का महत्व


कहा, यह भारत की हिम्मत, लचीलापन और एकता का प्रतीक रहा है


पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने एक बार फिर से यह बात दोहराई है कि पंजाब की भूमि और यहां के निवासियों ने देश की रक्षा में कई बलिदान दिए हैं। उन्होंने पंजाब को एक भाग्यशाली भूमि बताया, जहां कोई भी भूखा नहीं सोता। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की भाईचारे की सेवा लंगर और स्वैच्छिक प्रयासों में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है, जो इसकी अद्वितीय मानवता को दर्शाती है। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब हमेशा देश का किला बना रहा है और यह भारत की हिम्मत, लचीलापन और एकता का प्रतीक है। भगवंत सिंह मान ने लोगों से आग्रह किया कि वे छोटे मुद्दों से ऊपर उठकर पंजाब की समग्र प्रगति के लिए एकजुट होकर काम करें।


व्यवसायियों की भूमिका

मुख्यमंत्री ने व्यवसायियों को किसानों के बाद दूसरा अन्नदाता बताते हुए कहा कि दोनों की आजीविका और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने गर्व से पंजाब की उपलब्धियों को उजागर करते हुए बताया कि भारत की चार प्रमुख खेलों हॉकी, क्रिकेट, फुटबॉल और बास्केटबॉल की राष्ट्रीय टीमों की कप्तानी इस समय पंजाबी कर रहे हैं, जो प्रदेश के उत्कृष्ट खेल कौशल और नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है। भगवंत सिंह मान ने पंजाब के लोगों की मेहनत और साहस की सराहना की और बताया कि हाल की बाढ़ों में पांच लाख एकड़ फसली क्षेत्र को नुकसान होने के बावजूद पंजाब ने केंद्रीय पूल में रिकॉर्ड 150 लाख मीट्रिक टन चावल का योगदान दिया है।


उद्योगों के लिए सुधार

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों को सुगम बनाने के लिए कई नए सुधार लागू कर रही है। उन्होंने बताया कि व्यवसाय करने की सुगमता के लिए राज्य सरकार ने पंजाब राइट टू बिजनेस (संशोधन) नियम, 2025 को मंजूरी दी है, जो उद्यमियों को महत्वपूर्ण राहत प्रदान करेगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन संशोधनों के तहत कई पूर्व-निर्माण नियामक मंजूरियों को अधिनियम के दायरे में लाया गया है, जिनमें प्रिंसिपल एम्प्लॉयर की रजिस्ट्रेशन, बायोमेडिकल वेस्ट एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन, फैक्ट्री लाइसेंस, स्थापना के लिए सहमति, संचालन के लिए सहमति, स्थिरता प्रमाणपत्र और गैर-वन भूमि के लिए एनओसी प्रमाणपत्र शामिल हैं।


सिंगल विंडो प्रणाली का लाभ

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन संशोधनों से 'स्व-घोषणा' प्रक्रिया को बहुत सरल बना दिया गया है और पूरी प्रक्रिया अब प्रदेश के सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक रूप से होगी। नए प्रोजेक्ट शुरू करने वाले उद्यमी इस पोर्टल के जरिए जमीन की मालिकी या सहमति का प्रमाण, सीआरओ रिपोर्ट, मास्टर प्लान की पहचान, प्रक्रिया का विवरण और ऑनलाइन शुल्क जमा कर सकेंगे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सैद्धांतिक मंजूरी प्रमाणपत्र जारी करने के लिए समयबद्ध प्रक्रिया पेश की गई है।