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पंजाब के वित्त मंत्री ने 'एक राष्ट्र एक चुनाव' प्रस्ताव पर उठाए सवाल

पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने भाजपा द्वारा पेश किए गए 'एक राष्ट्र एक चुनाव' प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने इसे संविधान की मूल संरचना पर हमला बताते हुए कहा कि यह केंद्र सरकार के दखल को बढ़ाएगा। चीमा ने इस प्रस्ताव को एक छिपा हुआ एजेंडा करार दिया, जो राज्यों की स्वायत्तता को कमजोर करेगा। उन्होंने संघीय ढांचे की रक्षा के लिए एकजुटता का आह्वान किया।
 

संविधान की मूल संरचना पर हमला


कहा, यह विधेयक केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 356 और 360 के दुरुपयोग को और बढ़ावा देगा


चंडीगढ़ में, पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए 'एक राष्ट्र एक चुनाव' प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया। उन्होंने इसे बाबासाहेब डा. भीम राव अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान की मूल संरचना पर सीधा हमला बताया। पंजाब भवन में एक बैठक के बाद, उन्होंने आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा के साथ मिलकर इस कदम को पूरी तरह से खारिज कर दिया।


भाजपा का छिपा हुआ एजेंडा

वित्त मंत्री ने कहा कि यह प्रस्ताव एक छिपा हुआ एजेंडा है, जिसका उद्देश्य बाबा साहेब डा. भीम राव अंबेडकर द्वारा तैयार किए गए संविधान के संघीय ढांचे को नष्ट करना है। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित विधेयक में संशोधनों का उल्लेख किया गया है, जो राज्य विधानसभाओं के कार्यकाल को केंद्र सरकार के विवेक पर निर्भर करेगा, जो संविधान के संघीय ढांचे के खिलाफ है।


राज्यों में केंद्र का दखल

चीमा ने कहा कि यह विधेयक अनुच्छेद 356 और 360 के दुरुपयोग को और बढ़ावा देगा। उन्होंने बताया कि यदि चुनाव आयोग यह मानता है कि किसी विधान सभा के चुनाव लोक सभा के आम चुनाव के साथ नहीं कराए जा सकते हैं, तो वह राष्ट्रपति को सिफारिश कर सकता है कि चुनाव बाद की तारीख में कराए जाएं।


इस संशोधन का हवाला देते हुए, उन्होंने कहा कि भाजपा की 'एक राष्ट्र एक चुनाव' अवधारणा अंततः उल्टी पड़ेगी, क्योंकि यह केंद्र सरकार को अपनी सुविधानुसार चुनाव कराने की अनुमति देगी। उन्होंने संघीय लोकाचार और राज्यों की स्वायत्तता को बनाए रखने के लिए एकजुटता का आह्वान किया।