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पंजाब में बाढ़ राहत पर आप सरकार की लापरवाही पर प्रताप सिंह बाजवा का तीखा हमला

पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने आम आदमी पार्टी की सरकार पर बाढ़ पीड़ितों की स्थिति को लेकर तीखा हमला किया है। उन्होंने सरकार की लापरवाही और संवेदनहीनता की आलोचना करते हुए कहा कि बाढ़ राहत के लिए केंद्र से मदद मांगने में सरकार की विफलता ने पूरे राज्य को शर्मिंदा कर दिया है। बाजवा ने आरोप लगाया कि सरकार ने बाढ़ से पहले चेतावनियों को नजरअंदाज किया और अब राहत कार्यों में भी बाधा डाल रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री से तत्काल कदम उठाने की अपील की है।
 

बाढ़ पीड़ितों की स्थिति पर सरकार की संवेदनहीनता

चंडीगढ़- पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने आम आदमी पार्टी की सरकार पर बाढ़ पीड़ितों की स्थिति को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की लापरवाही ने पूरे राज्य को शर्मिंदा कर दिया है।


बाजवा ने बताया कि पंजाब सरकार केंद्र से सहायता मांगने के लिए आवश्यक ज्ञापन तक तैयार नहीं कर पाई है, जबकि केंद्रीय गृह मंत्रालय पहले ही पंजाब को नुकसान के आंकड़े देने में विफल रहने पर फटकार लगा चुका है। उन्होंने कहा कि हाल ही में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में भी कोई ठोस नतीजा नहीं निकला, क्योंकि विभिन्न विभागों के आंकड़े आपस में मेल नहीं खा रहे हैं। यह केवल कुप्रबंधन नहीं, बल्कि कर्तव्य की खुली अवहेलना है।


उन्होंने आगे कहा कि सरकार को बाढ़ राहत के लिए केंद्र से मदद मांगनी चाहिए थी, लेकिन इसके बजाय आम आदमी पार्टी ने ‘मिशन चारदी कला’ और ‘रंगला पंजाब फंड’ जैसे दिखावे के अभियानों पर ध्यान केंद्रित किया है।
बाजवा ने कहा, “यह सरकार शासन करने के बजाय शोबाजी और फंड इकट्ठा करने में अधिक रुचि रखती है। जिन लोगों ने अपने घर, फसलें और रोज़ी-रोटी खो दी, उनके साथ यह एक क्रूर मज़ाक है।”


बाजवा ने आरोप लगाया कि आप सरकार ने बाढ़ से पहले चेतावनियों को नजरअंदाज किया और आवश्यक बचाव उपायों को लागू नहीं किया। उन्होंने कहा, “पहले तो रोकथाम में नाकाम रहे, अब राहत कार्यों में भी बाधा डाल रहे हैं। यह केवल असंवेदनशीलता नहीं, बल्कि पंजाब के लोगों के साथ सीधा विश्वासघात है।” उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि अब बहाने बनाना बंद करें और तुरंत कार्रवाई करें। लोगों को राहत, मुआवज़ा और पुनर्वास की आवश्यकता है, न कि प्रचार और नारे। आम आदमी पार्टी को पंजाब के दर्द का मजाक उड़ाना बंद करना चाहिए और वास्तविक शासन करना सीखना चाहिए।