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पंजाब सरकार ने 2.70 लाख छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजना की घोषणा की

पंजाब सरकार ने 2.70 लाख अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत 245 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है, जिसका उद्देश्य छात्रों के जीवन स्तर को सुधारना है। पिछले वित्तीय वर्ष में भी बड़ी संख्या में छात्रों को लाभ मिला था। मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने इस योजना की पारदर्शिता और प्रभावशीलता पर जोर दिया है। जानें इस योजना के बारे में और क्या जानकारी है।
 

पंजाब सरकार का नया बजट प्रावधान


245 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान


चंडीगढ़ : पंजाब की सामाजिक न्याय, अधिकारिता एवं अल्पसंख्यक मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने जानकारी दी कि पंजाब सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में 2 लाख 70 हजार अनुसूचित जाति के छात्रों को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत कवर करने का लक्ष्य रखा है। यह योजना अनुसूचित जाति के छात्रों के जीवन स्तर को सुधारने में मददगार साबित होगी।


उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार अन्य वर्गों के उत्थान के लिए निरंतर प्रयासरत है, साथ ही अनुसूचित जाति के बच्चों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए विशेष कदम उठा रही है। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में 245 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है।


पिछले वित्त वर्ष में वितरित की गई राशि

266.57 करोड़ रुपये का वितरण


डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में भी पंजाब सरकार ने अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत 2 लाख 36 हजार 575 छात्रों को लाभान्वित किया था, जिसमें 266.57 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई थी। उन्होंने कहा कि छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन प्राप्त करने के लिए जल्द ही डॉ. अंबेडकर स्कॉलरशिप पोर्टल खोला जाएगा। इसके साथ ही, छात्रों को जागरूक करने के लिए जिला स्तर पर शिविर आयोजित किए जाएंगे।


छात्रवृत्ति का महत्व

छात्रों के लिए सहायक योजना


कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि पंजाब सरकार योग्य अनुसूचित जाति के छात्रों को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि जिन वर्गों के साथ भेदभाव हुआ है, उनके योग्य बच्चे आर्थिक कारणों से शिक्षा से वंचित न रहें।


उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस योजना का लाभ हर योग्य छात्र तक पहुंचाना सुनिश्चित किया जाए और इसे पूरी पारदर्शिता के साथ लागू किया जाए।