पटना में कुत्ते के नाम पर जारी हुआ आवासीय प्रमाण पत्र, प्रशासन में हड़कंप
पटना में अनोखा मामला
पटना डॉग सर्टिफिकेट: बिहार की राजधानी पटना में एक अजीबोगरीब प्रशासनिक गलती का मामला सामने आया है। मसौढ़ी प्रखंड के आरटीपीएस काउंटर से एक कुत्ते के नाम पर आवासीय प्रमाण पत्र जारी किया गया है। इस प्रमाण पत्र में आवेदक का नाम 'डॉग बाबू', पिता का नाम 'कुत्ता बाबू' और माता का नाम 'कुटिया देवी' लिखा गया है। यह प्रमाण पत्र 24 जुलाई को जारी किया गया था और इस पर राजस्व पदाधिकारी मुरारी चौहान का डिजिटल हस्ताक्षर भी है।
सोशल मीडिया पर वायरल
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस प्रमाण पत्र में आवेदक की तस्वीर के स्थान पर एक कुत्ते की फोटो लगाई गई थी। जैसे ही यह प्रमाण पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, प्रशासन में हड़कंप मच गया। आरटीपीएस पोर्टल पर इस फर्जी प्रमाण पत्र की जानकारी मिलते ही इसे तुरंत रद्द कर दिया गया और संबंधित राजस्व पदाधिकारी के डिजिटल सिग्नेचर को भी हटा दिया गया।
दोषियों के खिलाफ कार्रवाई
दोषी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई
मसौढ़ी के अंचलाधिकारी प्रभात रंजन ने इस प्रमाण पत्र के रद्द होने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि विभागीय जांच के बाद दोषी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पटना के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है और लापरवाह कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है।
प्रशासनिक प्रक्रिया पर सवाल
प्रशासनिक प्रक्रिया पर सवाल
यह घटना तब सामने आई जब राज्य में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता पुनरीक्षण अभियान के तहत आवासीय प्रमाण पत्रों के लिए बड़ी संख्या में आवेदन आए थे। सीमांचल जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में सरकार ने विशेष जांच का निर्देश दिया था, फिर भी राजधानी में ऐसा मामला सामने आना प्रशासनिक प्रक्रिया पर सवाल उठाता है।
सरकारी प्रणाली की लापरवाही
सरकारी प्रणाली पर आरोप
इस मामले ने सरकारी प्रणाली की लापरवाही को उजागर किया है। डिजिटल पोर्टलों पर बिना उचित जांच के दस्तावेज अपलोड किए जा रहे हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में ऐसी किसी गलती को दोहराने की अनुमति नहीं दी जाएगी और संबंधित प्रणाली की निगरानी को कड़ा किया जाएगा।