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पटना में छात्रों का प्रदर्शन: डोमिसाइल नीति की मांग

बिहार की राजधानी पटना में हजारों छात्रों ने डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन किया। छात्रों ने स्थानीय अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देने की मांग की है। प्रदर्शन के दौरान, उन्होंने TRE-4 शिक्षक नियुक्ति परीक्षा की बहाली की भी मांग की। छात्रों का कहना है कि अन्य राज्यों की तरह बिहार में भी स्थानीयता की अनिवार्यता होनी चाहिए। यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दे रहे हैं। जानें इस मुद्दे पर राजनीतिक प्रतिक्रिया क्या रही है।
 

पटना में छात्रों का प्रदर्शन

बिहार समाचार: बुधवार को पटना में हजारों छात्रों ने डोमिसाइल नीति को लागू करने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। ये छात्र पटना कॉलेज से मार्च करते हुए डाकबंगला चौराहे तक पहुंचे। इस दौरान उन्होंने बिहार सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। छात्रों का कहना है कि उनकी मुख्य मांग यह है कि बिहार में भी सरकारी नौकरियों में स्थानीय अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाए, जैसे अन्य राज्यों में है। इसके साथ ही, TRE-4 (शिक्षक नियुक्ति परीक्षा) की बहाली डोमिसाइल नीति के तहत की जानी चाहिए।


डाकबंगला चौराहे पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रशासन छात्रों को समझाने और शांति बनाए रखने की कोशिश कर रहा है, लेकिन छात्र अपनी मांगों पर अडिग हैं। छात्रों का कहना है कि जब झारखंड, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, और राजस्थान जैसे राज्यों में डोमिसाइल नीति लागू है, तो बिहार में ऐसा क्यों नहीं हो सकता?




छात्रों की मांगें

छात्रों ने बताया कि TRE-4 की बहाली के दौरान बिहार के बाहर के लोग भी बड़ी संख्या में यहां के पदों पर आवेदन करते हैं, जिससे स्थानीय युवाओं के अवसर सीमित हो जाते हैं। इसलिए, सभी सरकारी नौकरियों में स्थानीयता की अनिवार्यता तय की जानी चाहिए ताकि बिहार के युवाओं को प्राथमिकता मिल सके।


प्रदर्शन के मुख्य बिंदु

  • डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग
  • TRE-4 शिक्षक बहाली में स्थानीय युवाओं को वरीयता
  • अन्य राज्यों की तर्ज़ पर बिहार में भी स्थानीय आरक्षण


बेरोजगारी दर में कमी लाने की मांग

छात्र संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार उनकी मांगों को जल्द नहीं मानती है, तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर स्पष्ट नीति लाने की अपील की है।


राजनीतिक प्रतिक्रिया

विपक्षी दलों ने छात्रों की मांगों का समर्थन किया है और सरकार पर बेरोजगारी और नीति विहीनता का आरोप लगाया है। वहीं, सत्तापक्ष ने अभी तक इस मुद्दे पर स्पष्ट रुख नहीं अपनाया है।