पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी मनोज अग्रवाल को मिली Y-प्लस सुरक्षा, जानें क्यों है यह कदम महत्वपूर्ण
नई सुरक्षा व्यवस्था का निर्णय
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) मनोज अग्रवाल की सुरक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। गृह मंत्रालय ने उन्हें Y-प्लस श्रेणी की सुरक्षा देने की अनुमति दी है। इस सुरक्षा व्यवस्था के तहत केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के लगभग 20 जवान उनकी और उनके कार्यालय की सुरक्षा में तैनात किए जाएंगे। यह कदम हाल के समय में उठी सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
चुनाव आयोग की चिंता और कार्रवाई
लगभग एक महीने पहले चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की थी। इसके बाद आयोग ने कोलकाता स्थित सीईओ कार्यालय को केंद्रीय बलों की सुरक्षा में लाने का निर्देश दिया। आयोग ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर स्पष्ट किया कि कार्यालय के दूसरे और तीसरे तल पर केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की जाए।
नए कार्यालय में सुरक्षा व्यवस्था
चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि अगले महीने सीईओ कार्यालय को 21, एनएस रोड से शिफ्ट कर शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की इमारत में स्थानांतरित किया जाएगा। नए कार्यालय परिसर में भी केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती जारी रहेगी, ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या सुरक्षा चूक की संभावना न रहे।
प्रदर्शनों के चलते सुरक्षा चिंताएँ
सीईओ कार्यालय की सुरक्षा को लेकर सवाल तब उठने लगे थे, जब पिछले महीने बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) के एक समूह ने कार्यालय परिसर के बाहर प्रदर्शन किया था। पहले कार्यालय की सुरक्षा पूरी तरह से राज्य पुलिस के जिम्मे थी, लेकिन लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शनों के कारण चुनाव आयोग को हस्तक्षेप करना पड़ा।
बीएलओ का विरोध और चुनाव आयोग का हस्तक्षेप
नवंबर में बीएलओ के एक समूह ने काम के बढ़ते बोझ और प्रशासनिक दबाव के खिलाफ सीईओ कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी मुख्य चुनाव अधिकारी मनोज अग्रवाल से मुलाकात करना चाहते थे, लेकिन पूर्व निर्धारित अपॉइंटमेंट न होने के कारण उन्हें मिलने की अनुमति नहीं दी गई। इसके बाद विरोध का सिलसिला कई दिनों तक चलता रहा।
लगातार हो रहे प्रदर्शनों को देखते हुए बीएलओ राइट्स प्रोटेक्शन कमिटी ने भी आंदोलन तेज कर दिया। हालात को नियंत्रित करने के लिए चुनाव आयोग को कोलकाता पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश देने पड़े।
मनोज अग्रवाल का परिचय
मनोज अग्रवाल 1990 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं। मार्च में उन्हें पश्चिम बंगाल का नया मुख्य चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया। उनके नेतृत्व में राज्य में 2026 के विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे। चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद वह जुलाई 2026 में सेवानिवृत्त होंगे।
विवादों से जुड़ा अतीत
मुख्य चुनाव अधिकारी बनने से पहले, मनोज अग्रवाल राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के सचिव थे। वर्ष 2018 में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में कथित अनियमितताओं के कारण उन्हें उस पद से हटा दिया गया था। बाद में अक्टूबर 2023 में तत्कालीन खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को सीबीआई ने राशन घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया था।
सुरक्षा बढ़ाने का संदेश
सीईओ को Y-प्लस सुरक्षा दिए जाने का निर्णय इस बात का संकेत है कि केंद्र और चुनाव आयोग चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता और अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहते। आने वाले चुनावों को देखते हुए यह कदम प्रशासनिक मजबूती और संवेदनशीलता दोनों को दर्शाता है।