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पश्चिम बंगाल में RSS की स्थापना वर्षगांठ पर रोक: राजनीति में उबाल

पश्चिम बंगाल में RSS की 100वीं स्थापना वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों को पुलिस और स्थानीय गुंडों द्वारा रोकने की घटनाएं सामने आई हैं। इसने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है, जहां आरएसएस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि उन्हें शांतिपूर्ण जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी गई। नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की है, इसे लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताते हुए कहा कि राज्य सरकार आरएसएस की ताकत से डर रही है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी।
 

RSS की 100वीं वर्षगांठ पर विवाद

पश्चिम बंगाल में RSS की 100वीं स्थापना वर्षगांठ के अवसर पर कूचबिहार और महेशतला में आयोजित कार्यक्रमों को पुलिस और स्थानीय गुंडों द्वारा रोकने की घटनाएं सामने आई हैं। इस मुद्दे ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। आरएसएस कार्यकर्ताओं का आरोप है कि उन्हें न तो शांतिपूर्ण जुलूस निकालने की अनुमति दी गई और न ही कार्यक्रम आयोजित करने की इजाजत मिली।



पुलिस और प्रशासन की कड़ी कार्रवाई के चलते कई स्थानों पर स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने इस कार्रवाई की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल भयभीत हैं और राज्य के स्वयंसेवकों को रोकने का प्रयास कर रहे हैं। एक विपक्षी नेता के रूप में, मैं इस घटना की निंदा करता हूँ। RSS की 100वीं स्थापना वर्षगांठ पर हमने सभी स्वयंसेवकों को पुष्पवर्षा कर शुभकामनाएं दी।


सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि यह कदम लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार आरएसएस की ताकत और संगठनात्मक क्षमता से डरकर कार्यकर्ताओं पर दबाव बना रही है। आरएसएस कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट किया कि वे किसी भी प्रकार की टकराव की राजनीति में शामिल नहीं होना चाहते, लेकिन स्थापना दिवस जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर रोक लगाना उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।