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पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और दिलीप घोष की मुलाकात से बढ़ी सियासी हलचल

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बीजेपी नेता दिलीप घोष के बीच हालिया मुलाकात ने राज्य में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। चर्चा है कि घोष पार्टी नेतृत्व से नाराज हैं और 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी छोड़ सकते हैं। हालांकि, घोष ने स्पष्ट किया है कि वह तृणमूल कांग्रेस में शामिल नहीं हो रहे हैं। इस बीच, राज्य में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं, जिससे आगामी चुनावों में कई नेताओं के दल बदलने की संभावना बढ़ गई है।
 

राजनीतिक गतिविधियों में उथल-पुथल

कोलकाता। हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष के बीच हुई मुलाकात ने राज्य की राजनीतिक स्थिति में हलचल मचा दी है। यह बैठक उस समय हुई है जब यह चर्चा में है कि दिलीप घोष पार्टी नेतृत्व से असंतुष्ट हैं।


क्या दिलीप घोष बीजेपी छोड़ने की सोच रहे हैं?

सूत्रों के अनुसार, दिलीप घोष की सीट में बदलाव और लोकसभा चुनाव में मिली हार के कारण वह पार्टी से नाराज हैं। बुधवार को उनकी ममता बनर्जी से मुलाकात ने नई राजनीतिक चर्चाओं को जन्म दिया है। कुछ अटकलें हैं कि वह 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी छोड़ सकते हैं।


घोष का बयान

हालांकि, दिलीप घोष ने स्पष्ट किया है कि वह तृणमूल कांग्रेस में शामिल नहीं हो रहे हैं। जब पत्रकारों ने उनसे टीएमसी में शामिल होने के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा, "मैं क्यों शामिल होऊं? मेरा समय खराब नहीं चल रहा है।" उन्होंने यह भी कहा कि वह चुनावी समय में दल-बदलने वालों में से नहीं हैं।


2026 के विधानसभा चुनाव की तैयारी

अगले साल, यानी 2026 में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस बीच, राज्य में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। चर्चा है कि चुनाव से पहले कई प्रमुख नेता पार्टी बदल सकते हैं। कुछ नेताओं के टीएमसी से बीजेपी में जाने की बातें हैं, जबकि कई बीजेपी से टीएमसी में जाने की संभावना पर चर्चा कर रहे हैं।