पाकिस्तान की यूएई राष्ट्रपति की यात्रा पर निराशाजनक घटनाक्रम
हाल ही में यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की पाकिस्तान यात्रा ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इस यात्रा के दौरान कोई महत्वपूर्ण समझौता नहीं हुआ, और बैठक केवल 3 मिनट तक चली। जानें इस यात्रा के पीछे की सच्चाई और पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति के बारे में। क्या यह यात्रा वास्तव में पाकिस्तान के लिए फायदेमंद साबित होगी? पढ़ें पूरी जानकारी।
Dec 30, 2025, 11:47 IST
पाकिस्तान की स्थिति पर चर्चा
पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो अपने ही घर में बैठकर अपनी बेइज्जती का सामना कर सकता है। यह स्थिति तब और भी गंभीर हो जाती है जब यह केवल डॉलर के लिए होता है, जिससे उसके कटोरे में कुछ भीख डल सके। हाल ही में, जब यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान पाकिस्तान आए, तो मीडिया में यह खबरें आईं कि वे कई महत्वपूर्ण डील्स पर हस्ताक्षर करने के लिए आए हैं। लेकिन वास्तव में ऐसा कुछ नहीं हुआ। यूएई के राष्ट्रपति के स्वागत के लिए एयरपोर्ट पर टैंक्स तैनात किए गए, जो कि एक असामान्य दृश्य था।
यूएई राष्ट्रपति की यात्रा का असली मकसद
यूएई के राष्ट्रपति का दौरा एक प्राइवेट कार्यक्रम के लिए था, जिसमें वे आसिम मुनीर के पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। यह एक अनोखी बात है कि वे प्रधानमंत्री को छोड़कर सीधे सेना प्रमुख के घर गए। नूर खान एयरबेस पर उनकी लैंडिंग का उद्देश्य यह दिखाना था कि भारत द्वारा किए गए नुकसान की मरम्मत कर ली गई है।
मीटिंग का संक्षिप्त विवरण
रिपोर्ट्स के अनुसार, यूएई के राष्ट्रपति और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के बीच बैठक केवल 3 मिनट तक चली, जो कि एक शिष्टाचार बैठक थी। इस दौरान कोई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बातचीत या समझौते पर हस्ताक्षर नहीं हुए। हालांकि, शहबाज शरीफ ने गर्मजोशी से स्वागत किया, लेकिन उन्हें कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली।
पाकिस्तान का आर्थिक संकट
यूएई का पाकिस्तान पर 2 बिलियन डॉलर का कर्ज है, जो स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान में केवल डिपॉजिट के रूप में रखा गया है। यह पैसा हर साल रोल ओवर होता है, जिसका मतलब है कि इसे खर्च नहीं किया जा सकता। दिसंबर 2025 में, 1 बिलियन डॉलर को इक्विटी इन्वेस्टमेंट में बदलने की योजना बनाई गई थी, जिसमें फौजी फाउंडेशन ग्रुप्स में शेयर खरीदे गए हैं।