पाकिस्तान के आम चुनावों पर राष्ट्रमंडल पर्यवेक्षकों की चिंताएँ
राष्ट्रमंडल के स्वतंत्र चुनाव पर्यवेक्षक समूह ने पाकिस्तान के 2024 के आम चुनावों को लेकर गंभीर चिंताएँ जताई हैं। उन्होंने इमरान खान की पार्टी पीटीआई को चुनाव चिन्ह आवंटित न करने और चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी के मुद्दों को उठाया है। इस रिपोर्ट में चुनाव की रात मोबाइल सेवाओं के बंद होने और समान अवसरों की कमी पर भी प्रकाश डाला गया है। जानें इस महत्वपूर्ण रिपोर्ट के बारे में और क्या हैं इसके निहितार्थ।
Sep 30, 2025, 19:52 IST
पाकिस्तान के चुनावों में पारदर्शिता की कमी
राष्ट्रमंडल के स्वतंत्र चुनाव पर्यवेक्षक समूह ने पाकिस्तान में 2024 के आम चुनावों को लेकर गंभीर चिंताएँ व्यक्त की हैं। उन्होंने कई ऐसे मुद्दों का उल्लेख किया है जो चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता, पारदर्शिता और समावेशिता को प्रभावित कर सकते हैं। एक महत्वपूर्ण चिंता यह है कि इमरान खान की पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई), को क्रिकेट बैट का चुनाव चिन्ह नहीं दिया गया, जिससे उनकी चुनावी प्रतिस्पर्धा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
निगरानी समूह की रिपोर्ट
नाइजीरिया के पूर्व राष्ट्रपति गुडलक जोनाथन की अगुवाई में 13 सदस्यीय राष्ट्रमंडल पर्यवेक्षक समूह (सीओजी) को पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने चुनावों की निगरानी के लिए आमंत्रित किया था। अपनी अंतिम रिपोर्ट में, समूह ने कई ऐसी स्थितियों की ओर इशारा किया जो मौलिक राजनीतिक अधिकारों को सीमित करती प्रतीत होती थीं और पीटीआई के चुनाव प्रचार प्रयासों को सीधे प्रभावित करती थीं। इनमें चुनाव की रात मोबाइल सेवाओं का बंद होना भी शामिल था, जिससे पारदर्शिता में कमी आई और परिणामों की समय पर रिपोर्टिंग में देरी हुई।
समान अवसरों की कमी
जोनाथन ने बताया कि चुनाव-पूर्व कारकों, विशेषकर पीटीआई के चुनाव चिन्ह का आवंटन न होना और उसके उम्मीदवारों का निर्दलीय के रूप में पंजीकरण, ने समान अवसर प्रदान करने की प्रक्रिया को बाधित किया। उन्होंने कहा कि चुनाव-पूर्व अवधि में कई ऐसे कारक थे जिन्होंने समान अवसर प्रदान करने की प्रक्रिया को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण पीटीआई को बल्ले का चुनाव चिह्न न मिलना और उसके उम्मीदवारों का निर्दलीय के रूप में पंजीकरण करना था।